कौशांबी: बीएड की फर्जी डिग्री के सहारे नौकरी पाने वाले 3 शिक्षक बर्खास्त, FIR
कौशांबी। यूपी के कौशांबी में शिक्षा विभाग में एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है। यहां पर दो महिला शिक्षिका सहित कुल 3 शिक्षकों ने बीएड की फर्जी डिग्री के सहारे नौकरी की थी। एसआईटी की जांच में खुलासा होने पर तीनों शिक्षकों को बर्खास्त करते हुए एफआईआर दर्ज करा दी गई। बीएसए राजकुमार पंडित ने बताया कि प्रदेश स्तरीय जांच में एसआईटी जिले से कुल 10 फर्जी शिक्षको को तलाशा था। इनमें से 5 फर्जी मार्कशीट वाले शिक्षक हैं तो 5 ऐसे शिक्षक हैं, जिन्होंने ने कम नंबर को बढ़वा कर पास की मार्कशीट हासिल की थी। अभी भी कुल 7 शिक्षकों के खिलाफ जांच चल रही है। उम्मीद है कि जल्द ही इन लोगों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई होगी।
कौशांबी बेसिक शिक्षा विभाग में वर्ष 2010 में 10 शिक्षकों ने डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्विद्यालय आगरा से बीएड की फर्जी डिग्री लगाकर नौकरी हासिल की थी। जनपद के अलावा पूरे प्रदेश में फर्जी शिक्षकों की भरमार हुई तो इसकी जांच एसआईटी को सौंप दी गई। एसआईटी ने गहन तरीके से जांच शुरू की। जनपद में 10 फर्जी शिक्षक मिले। इनमें 5 शिक्षकों की मार्कशीट फर्जी लगी और पांच ऐसे भी शिक्षक मिले जिन लोगों ने जुगाड़ के माध्यम से अपने नंबर बड़वाकर पास मार्कशीट लगाई थी। जांच के बाद वर्ष 2019 में एसआईटी की रिपोर्ट आई तो हड़कंप मच गया।
इन सभी 10 शिक्षकों को अगस्त 2019 में बर्खास्त कर दिया गया,लेकिन इन लोगों ने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट ने इन लोगों को स्थगन आदेश दिया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में इसकी सुनवाई की गई। हालांकि सुप्रीम कोर्ट से इन शिक्षकों को निराशा हाथ लगी और रिपोर्ट आने पर इन लोगों बर्खास्त कर दिया गया। इनमें सहायक अध्यपिका अर्चना सिंह प्राथमिक विद्यालय ननई का पूरा व सहायक अधयापक लवलेश द्विवेदी पूरे घोघ विकास खंड सरसवां व सहायक अध्यपिका अर्चना देवी प्राथमिक विद्यालय दीवार विकास खंड मंझनपुर में तैनात थे। अर्चना सिंह व लवलेश द्विवेदी के खिलाफ महेवाघाट थाना तो अर्चना देवी के खिलाफ मंझनपुर थाना में बीएसए के निर्देश पर संबंधित एबीएसए ने एफआईआर दर्ज करा दी है।
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