शराब माफिया मोती को नहीं तलाश सकी कासगंज पुलिस, अब घोषित किया 50 हजार रुपए का इनाम
Kasganj News, कासगंज। कासगंज जिले में 09 फरवरी की शाम को कॉन्स्टेबल देवेंद्र सिंह और दरोगा अशोक पाल के साथ नगला धीमर गांव में अवैध शराब बनने की सूचना पर दबिश देने पहुंचे थे। इस दौरान शराब माफियाओं ने दोनों को बंधक बना लिया और लाठी-डंडों से बुरी तरह पीटा। पिटाई से कॉन्स्टेबल देवेंद्र सिंह की शहीद हो गए। वहीं, दरोगा अशोक कुमार का अभी इलाज चल रहा है। इस वारदात का मुख्य आरोपी मोती धीमर अभी फरार चल रहा है, जिसका पुलिस अभी ना तो कोई सुराग सकी है और ना ही पकड़ सकी है। फिलहाल, उसकी गिरफ्तारी पर पुलिस ने 50 हजार रुपए का इनाम घोषित कर दिया है। हालांकि, बुधवार की सुबह पुलिस ने मोती के भाई एलकार सिंह को मुठभेड़ में ढेर कर दिया था।
50
हजार
रुपए
का
इनाम
किया
घोषित
अलीगढ़
रेंज
के
आईजी
पीयूष
मोरडिया
ने
मीडिया
को
जानकारी
देते
हुए
बताया
कि
कासगंज
में
पुलिसकर्मियों
पर
हमले
और
कॉन्स्टेबल
की
हत्या
के
आरोप
में
दो
नामजद
समेत
छह
अज्ञात
लोगों
के
खिलाफ
मुकदमा
दर्ज
किया
है।
बताया
कि
बुधवार
की
सुबह
इस
वारदात
के
मुख्य
आरोपी
मोती
के
भाई
एलकार
सिंह
को
मुठभेड़
में
पुलिस
ने
मार
गिराया।
जबकि,
आरोपी
के
एक
साथी
नबाव
को
गिरफ्तार
कर
लिया।
वहीं,
मोती
धीमर
की
गिरफ्तारी
पर
50
हजार
रुपए
का
इनाम
घोषित
कर
दिया
गया
है।
सात
सालों
से
बना
रहा
था
कच्ची
शराब
कासगंज
कांड
का
मुख्य
आरोपी
मोतीलाल
उर्फ
मोती
धीमर,
नगल
धीमर
गांव
का
रहने
वाला
है।
मोती
गांव
में
रहकर
काली
नदी
के
कटरी
के
इलाके
में
पिछले
सात
सालों
से
कच्ची
शराब
का
अवैध
धंधा
करता
है।
उसके
ऊपर
सिढ़पुरा
थाने
में
करीब
11
मुकदमे
दर्ज
हैं।
जानकारी
के
मुताबिक,
कुछ
मामलों
की
हिस्ट्रीशीट
भी
खुली
है।
बता
दें,
मोती
एक
साल
पहले
भी
पुलिस
पर
हमला
कर
चुका
है।
मोती
का
भाई
एलकार
भी
अवैध
शराब
के
धंधे
में
उसका
साथी
था।
पुलिस
ने
बुधवार
सुबह
मुठभेड़
में
उसे
ढेर
कर
दिया
है।
क्या
है
पूरा
मामला
दरअसल,
9
फरवरी
की
शाम
को
कासगंज
जिले
के
नगला
धीमर
और
नगला
भिकारी
गांव
में
अवैध
शराब
बनने
की
सूचना
पुलिस
को
मिली
थी।
सूचना
पर
सिढ़पुरा
थाने
के
दरोगा
अशोक
पाल
और
कॉन्स्टेबल
देवेंद्र
सिंह
मंगलवार
की
शाम
को
नंगला
धीमर
गांव
में
शराब
माफिया
के
यहां
दबिश
देने
गए
थे।
जहां
शराब
माफिया
ने
दोनों
को
बंधक
बनाकर
बुरी
तरह
से
पीटा।
दोनों
की
वर्दी
फाड़
दी
और
मरा
जानकर
खेतों
में
पड़ा
छोड़
फरार
हो
गए।
सूचना
पर
पहुंची
पुलिस
ने
कॉन्स्टेबल
देवेंद्र
दरोगा
को
इलाज
के
लिए
अस्पताल
में
भर्ती
कराया,
जहां
कॉन्स्टेबल
देवेंद्र
को
डॉक्टरों
ने
मृत
घोषित
कर
दिया
था।
वहीं,
पुलिस
टीम
पर
इस
तरह
के
हमले
की
सूचना
मिलते
ही
जिला
प्रशासन
में
हड़कंप
मच
गया।
जिसके
बाद
सीनियर
अफसर
और
भारी
पुलिस
फोर्स
मौके
पर
पहुंच
गई
थी।