Kasganj कॉन्स्टेबल हत्याकांड: शराब माफिया मोती धीमर मुठभेड़ में ढेर, एक लाख रुपए का था इनामी
Kasganj News, कासगंज। उत्तर प्रदेश की कासगंज पुलिस को रविवार सुबह बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने पिछले 12 दिनों से फरार चले रहे एक लाख रुपए के इनामी बदमाश और शराब माफिया मोती धीमर को मुठभेड़ में मार गिराया। मोती के पास से दरोगा की गायब पिस्टल भी बरामद की गई है। बता दें, मोती धीमर पर सिढ़पुरा थाने में तैनात कॉन्स्टेबल देवेंद्र सिंह की हत्या और दरोगा अशोक पाल को पीटने का आरोपी था। घटना के दिन से वो फरार चल रहा था, जिसकी तलाश पुलिस को काफी दिनों से थी। बता दें कि मुठभेड़ के बाद उसे जिला अस्पताल ले जाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
कासगंज के एसपी मनोज कुमार सोनकर ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि मोती धीमर को गिरफ्तार करने के लिए आज सुबह सीओ पटियाली, शिवपुरा थानाध्यक्ष, एसओजी क्राइम ब्रांच की टीम तलाश में जुटी थी। इसी दौरान मुखबिर से सूचना मिली कि मोती करतला रोड काली नदी के पास खड़ा है भागने की फिराक में है। सूचना पर पुलिस करतला रोड काली नदी के पास सिढ़पुरा में पहुंच गई और उसे आत्मसमर्पण के लिए कहा गया। लेकिन हिस्ट्रीशीटर बदमाश मोती ने पुलिस पर फायरिंग कर दी।
पुलिस ने फायरिंग का जवाब फायरिंग दिया, जिसमें एक लाख रुपए का इनामी बदमाश मोती धीमर घायल हो गया। घायल बदमाश को पुलिस ने इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बता दें कि कासगंज कांड का एक और आरोपी एलकार सिंह 10 फरवरी को मुठभेड़ में मारा गया था। वो मोती धीमर का भाई था। वहीं, पुलिस ने मोती धीमर की मां रूपमती धीमर को 13 फरवरी को गिरफ्तार कर लिया था। आरोपी महिला को पुलिस ने उस समय गिरफ्तार किया, जब वो सरावल के पास से जिला छोड़कर भागने की तैयारी में थी। पुलिस ने मुखबिर की सूचना के बाद उसे पकड़ा है।
पुलिस का कहना है कि वारदात के दौरान मोती की मां घटनास्थल पर मौजूद थी। उन्होंने न केवल हत्यारे बेटों और उसके साथियों को हमला करने के लिए उकसाया, बल्कि लाठी-डंडे और भाले भी लाकर दिए। बता दें कि घटना के बाद एसटीएफ की पांच टीमों समेत पुलिस और एसओजी की कुल 12 टीमें गठित की गईं थीं, खुद सीएम योगी और डीजीपी एचसी अवस्थी घटना की मॉनिटरिंग कर रहे थे। घटना के 12 दिन बाद पुलिस टीम को मुखबिर की सूचना पर यह बड़ी कामयाबी हाथ लगी है।
क्या
हुआ
था
9
फरवरी
की
शाम
दरअसल,
9
फरवरी
की
शाम
को
कासगंज
जिले
के
नगला
धीमर
और
नगला
भिकारी
गांव
में
अवैध
शराब
बनने
की
सूचना
पर
सिढ़पुरा
थाने
के
दरोगा
अशोक
पाल
और
कॉन्स्टेबल
देवेंद्र
सिंह
शराब
माफिया
के
यहां
दबिश
देने
गए
थे।
जहां
दुर्दांत
अपराधी
और
शराब
माफिया
मोती
धीमर
ने
दोनों
पुलिस
कर्मियों
को
बंधक
बना
लिया
था।
बंधक
बनाकर
उनके
साथ
बुरी
तरह
से
मारपीट
की
गई।
पुलिसकर्मियों पर बर्बरता की सारी हदें पार करते हुए उन्हें लाठी और लोहे के भाले के प्रहार से घायल कर दिया गया था। दोनों की वर्दी फाड़ दी और मरा जानकर खेतों में पड़ा छोड़ फरार हो गए थे। सूचना पर पहुंची पुलिस ने कॉन्स्टेबल देवेंद्र दरोगा को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया, जहां कॉन्स्टेबल देवेंद्र को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था। वहीं, दरोगा अशोक पाल को गंभीर हालत में अलीगढ़ रेफर कर दिया गया था, जहां वो उपचाराधीन हैं।