नाम बदलकर कासगंज में नौकरी कर रही थी एक और फर्जी टीचर, ऐसे हुआ खुलासा
कासगंज। अनामिका शुक्ला केस के बाद कासगंज जिले में एक और फर्जी शिक्षिका का खुलासा हुआ है। शिक्षिका अमांपुर ब्लॉक के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में फर्जी तरीके से नाम बदकल नौकरी कर रही थी। स्कूल में लक्ष्मी नाम से ये शिक्षिका विज्ञान विषय पढ़ा रही थी। लेकिन असली लक्ष्मी सिंह मैनपुरी के बेवर ब्लॉक के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में नौकरी करती है। इस पूरे मामले का खुलासा शिक्षिका के दस्तावेजों की जांच के बाद हुआ है। बेसिक शिक्षा अधिकारी अंजलि अग्रवाल ने इस पूरे मामले की पुष्टि की है।
मालूम हो कि कासगंज में बेसिक शिक्षा विभाग को चकमा देकर बड़ा फर्जीवाड़ा करने वाली शिक्षिका अनामिका सिंह पुलिस की पूछताछ में बड़ा खुलास हुआ था। दरअसल, अपना नाम अनामिका सिंह बताने वाली शिक्षिका कोई और नहीं बल्कि प्रिया जाटव है, लेकिन अभी तक खुलासा नहीं हुआ है कि असली अनामिका शुक्ला कौन है? इसके नाम से उत्तर प्रदेश के 25 से अधिक जिलों में शिक्षिकाएं नौकरी कर रही हैं। फिलहाल पुलिस अनामिका सिंह से पूछताछ में जुटी है। कस्तूरबा गांधी आवासीय स्कूलों में संविदा पर लगने वाली नौकरी में दस्तावेज की जांच नहीं होती है। साक्षात्कार के दौरान ही असली अभिलेख देखे जाते हैं। चयन मेरिट के आधार पर होता है।
ऐसे में अनामिका के दस्तावेजों को आधार बनाया, क्योंकि इसमें ग्रेजुएशन को छोड़ कर हाईस्कूल से इंटर तक 76 फीसद से ज्यादा अंक हैं। जनपद कासगंज में पकड़ी गई कथित अनामिका (असली नाम प्रिया जाटव) के अनुसार, उसकी मुलाकात गोंडा के रघुकुल विद्यापीठ में बीएससी करते वक्त ही मैनपुरी निवासी राज नाम के व्यक्ति से हुई थी। उसने प्रिया को नौकरी की सलाह दी। एक लाख रुपये में दस्तावेज पर नौकरी लगवाने का वायदा किया। उसने ही अगस्त 2018 में इसे नियुक्ति पत्र भी दिला दिया था।