कानपुर शेल्टर होम मामले में प्रोबेशन अधिकारी अजीत कुमार पर गिरी गाज, योगी सरकार ने किया सस्पेंड
कानपुर। कानपुर स्थित बालिका संरक्षण गृह में मामले में प्रोबेशन अधिकारी अजीत कुमार पर गाज गिरी है। शुक्रवार शाम योगी सरकार ने अजीत कुमार को सस्पेंड कर दिया है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सरकार ने अजीत कुमार अपने कर्तव्यों के निर्वहन और सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही गलत सूचना को फैलने से रोकने में असफल रहने पर निलंबित किया है। बता दें कि बालिका संरक्षण गृह में 57 बालिकाओं के कोरोना संक्रमित और 7 युवतियों के गर्भवती पाए जाने की खबर सामने आई थी, जिसके बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने यूपी के मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस भेजकर जवाब मांगा था। वहीं, राज्य महिला आयोग ने भी कानपुर डीएम से रिपोर्ट मांगी थी।
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इस मामले में विपक्ष लगातार प्रदेश सरकार पर निशाना साध रहा है। मामला सामने आने के बाद ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर इसकी तुलना मुजफ्फरपुर (बिहार) के बालिका गृह केस से की थी। उन्होंने दावा किया था कि यूपी में भी देवरिया से ऐसा मामला सामने आ चुका है। प्रियंका ने ट्वीट में कहा था, पुनः इस तरह की घटना सामने आना दिखाता है कि जांचों के नाम पर सब कुछ दबा दिया जाता है, लेकिन सरकारी बाल संरक्षण गृहों में बहुत ही अमानवीय घटनाएं घट रही हैं।
Kanpur shelter home case: Uttar Pradesh Government suspends Kanpur Probation Officer Ajit Kumar for failing to discharge his duties and not countering the misinformation being spread on social media regarding the shelter home.
— ANI UP (@ANINewsUP) June 26, 2020
प्रियंका गांधी के इस पोस्ट को लेकर गुरुवार को उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने उन्हें नोटिस भेजा है। प्रियंका पर 'भ्रामक' टिप्पणी करने का आरोप है। आयोग ने नोटिस भेजकर प्रियंका गांधी से तीन दिन के अंदर जवाब मांगा है। साथ ही कहा गया है कि अगर प्रियंका अपनी पोस्ट का खंडन नहीं करती हैं तो सख्त कार्रवाई की जा सकती है। इस नोटिस के जवाब में शुक्रवार सुबह प्रियंका ने ट्वीट किया, 'मैं इंदिरा गांधी की पोती हूँ, कुछ विपक्ष के नेताओं की तरह भाजपा की अघोषित प्रवक्ता नहीं।'