UPSC इंटरव्यू में सवाल: क्या विकास दुबे का एनकाउंटर कर पुलिस ने सही किया? जानिए क्या जवाब देकर कानपुर के उत्कर्ष बने IAS
कानपुर। कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य दोषी कुख्यात विकास दुबे के एनकाउंटर को लेकर सवाल अभी भी उठ रहे हैं। मामले की जांच एसआईटी कर रही है, लेकिन विकास दुबे का एनकाउंटर कर क्या पुलिस ने सही किया? ये सवाल यूपीएससी के इंटरव्यू में कानपुर के उत्कर्ष सिंह से पूछा गया। उत्कर्ष ने यूपीएससी में 243वीं रैंक हासिल की है। उत्कर्ष ने इंटरव्यू के दौरान पूछे गए उन प्रश्न के बारे में बताया है, जिनका जवाब देकर उन्होंने इस मुकाम को हासिल किया है।
12 लाख पैकेज की जॉब छोड़ शुरू की UPSC परीक्षा की तैयारी
कानपुर के बर्दा दो निवासी उत्कर्ष ने पूर्णचंद्र विद्या निकेतन से 10वीं पास की थी। इसके बाद 12वीं डॉक्टर सोनेलाल पटेल स्कूल से की। फिर आईआईटी दिल्ली से बीटेक किया और एक साल निजी कंपनी में सॉफ्टवेयर डेवलपर रहे। पिता पीसी कनौजिया झांसी पीएनबी बैंक में कार्यरत हैं। उत्कर्ष की मां कुंती देवी का साल 2017 में निधन हो गया था। उत्कर्ष ने सॉफ्टवेयर डेवलपर के रूप में 12 लाख रुपए सालाना पैकेज की जॉब करते थे। लेकिन नौकरी में मन नहीं लगा और उन्होंने नौकरी छोड़कर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की। उत्कर्ष ने तीसरे प्रयास में यह सफलता हासिल की।
इंटरव्यू में पूछा- विकास दुबे का एनकाउंटर कर पुलिस ने सही किया?
उत्कर्ष से इंटरव्यू में पूछा गया, गैंगस्टर विकास दुबे का एनकाउंटर कर क्या पुलिस ने सही किया? उत्कर्ष ने जवाब दिया, मामले की अभी जांच चल रही है। पैनल में बैठे अफसरों ने उत्कर्ष से पुलिस की कार्यप्रणाली के बारे में स्पष्ट जवाब देने को कहा। उत्कर्ष ने कहा, मेरी नजर में एनकाउंटर करना ठीक नहीं था। पुलिस को कानून के हिसाब से आगे बढ़ना चाहिए था। उत्कर्ष ने कहा कि इंटरव्यू में काफी उलझाने वाले प्रश्न पूछे जाते हैं। अभ्यर्थी के ज्ञान का नहीं पर्सनैलिटी का टेस्ट लिया जाता है।
एनकाउंटर में ढेर हुआ था कुख्यात विकास दुबे
बता दें, कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे ने बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या की थी। इसके बाद पुलिस ने उसे एनकाउंटर में मार गिराया था। बिकरू कांड की जांच एसआईटी कर रही है। अब तक करीब 40 लोग विकास दुबे के आतंक की कहानी बयां कर चुके हैं। इन लोगों ने एसआईटी के अपने बयान दर्ज कराए हैं। इनमें से छह लोग ऐसे हैं जिन्होंने विकास दुबे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी, लेकिन उसके बाद मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। उसके दस्तावेजी साक्ष्य भी एसआईटी को उपलब्ध कराए जा चुके हैं। एसआईअी इस मामले की जांच रिपोर्ट 30 अगस्त को शासन को सौंपेगी।
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