कानपुर किडनी रैकेट में जुड़े दिल्ली के दो और नामचीन डॉक्टरों के नाम
Kanpur news, कानपुर। कानपुर किडनी कांड में स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम की जांच में दिल्ली के दो और नामचीन डॉक्टरों के नाम सामने आए हैं। बताया जा रहा है कि इन डॉक्टरों के नाम पहले भी एक कांड में आए हैं। पुलिस इनसे पूछताछ कर सकती है। बता दें, बीते दिनों कानपुर पुलिस ने मानव अंगों का अवैध कारोबार करने वाले छह लोगों को गिरफ्तार करते हुए विदेशों तक फैले किडनी रैकेट का पर्दाफाश किया था।
क्या है पूरा मामला
कानपुर पुलिस ने मानव अंगों का अवैध कारोबार करने वाले एक बड़े नेटवर्क को ध्वस्त करते हुए 6 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया। इस नेटवर्क का हिस्सा बने राजधानी दिल्ली के दो बड़े अस्पतालों के खिलाफ सबूत जुटाने के लिए दिल्ली पुलिस से सम्पर्क साधा। मानव अंगों के ये कारोबारी झुग्गी झोपड़ी में रहने वालों को अपने जाल में फंसाकर दिल्ली ले जाते थे और उनकी किडनी व लीवर निकालकर 30 से 80 लाख में बेच देते थे। इस सौदेबाजी में डोनर को 4 लाख रुपए दिए जाते थे और बाकी बिचैलियों के बीच बंट जाता था।
अपोलो हॉस्पिटल के डॉक्टर का नाम
कानून की गिरफ्त में आए मानव अंगों के कारोबारियों और उनके शिकार लोगों ने पुलिस को दिये बयान में दिल्ली के दो प्रतिष्ठित अस्पतालों का नाम लिया है। उनके रसूख को देखते हुए कानपुर पुलिस ने उन पर सीधे हाथ डालने की बजाय दिल्ली पुलिस से सम्पर्क साधा। इसके पहले 2016 में मानव अंगों के अवैध प्रत्यारोपण के मामले में अपोलो हॉस्पिटल के एक बड़े डॉक्टर का नाम सामने आया था।
महिला की शिकायत पर हुआ खुलासा
कानपुर के साकेत नगर में रहने वाली संगीता को दिल्ली के अस्पताल में मेड की नौकरी दिलाने का झांसा देकर दिल्ली ले जाया गया। वहां नौकरी देने से पहले खून की जांच को जरूरी बताया गया, लेकिन जब कई प्रकार की जांचे हुई तो संगीता को कुछ शक हो गया। इस बीच संगीता ने उसे दिल्ली लाने वाले जुनैद किसी से किडनी जैसे शब्द सुने तो वो और सर्तक हो गई। इसके बाद जुनैद ने संगीता से कहा कि उसका आधार कार्ड हिंदू नाम से बना है, लेकिन उसे मुस्लिम महिला के रूप में नौकरी मिलेगी। इसलिये उसे दूसरा पहचान पत्र बनाना होगा। बस यहीं से संगीता और उसके पति राजेश कश्यप का शक और पुख्ता हो गया और वे जुनैद से लड़कर वापस आ गए।
इन लोगों की तलाश में जुटी पुलिस
संगीता ने बताया कि कानपुर में उन्हें धमकियां मिलने लगीं तो उन्होंने एक फरवरी को थाना बर्रा में रिपोर्ट दर्ज करा दी। इसके बाद पुलिस सक्रिय हुई और कुछ दिन की छानबीन में मानव अंग तस्करी के बड़े रैकेट का खुलासा हो गया। दिल्ली और लखनऊ में लगी पुलिस टीमें श्याम मोहन तिवारी, मोहित निगम और जुनैद की तलाश में लगी हैं। ये वो लोग हैं जो महिला को लेकर गाजियाबाद गए थे।
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