'लव जिहाद' के 14 मामलों में SIT ने सौंपी रिपोर्ट, कानपुर आईजी ने कहा- किसी साजिश या फंडिंग के नहीं मिले सुबूत
कानपुर। कथित 'लव जिहाद' के मामलों की जांच के लिए गठित विशेष अनुसंधान दल (SIT) ने सोमवार (23 नवंबर) को अपनी जांच रिपोर्ट कानपुर जिले के आईडी मोहित अग्रवाल को सौंप दी है। बता दें कि एसआईटी ने अपनी जांच में 14 मामलों को शामिल किया था, जिनमें 11 मामलों में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। जबकि तीन मामलों में लड़कियां बालिग थी, जिन्होंने लड़कों के पक्ष में बयान दिया है। जिसके चलते इन तीन मामलों में फाइनल रिपोर्ट लगा दी गई है।
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कानपुर के पुलिस महानिरीक्षण (आईजी) मोहित अग्रवाल ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि 11 प्रकरणों में जो एसआईटी की जांच हुई, उसमें तीन मामले ऐसे निकल सामने आए है। जिसमें लड़कों ने अपने 'छदम नाम' (हिंदू नाम बताकर) लड़कियों को प्रभावित करने का प्रयास किया। आईजी ने बताया कि लड़कियों को बाद में पता चला कि ये दूसरे धर्म के लड़के है। ऐसे प्रकरणों में उनके खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
आईडी ने बताया कि चार मामलों के आरोपियों के कॉल विवरण की पड़ताल से पता चला कि उनमें आपस में लम्बे समय से बातचीत होती थी। चारों ने दूसरे धर्म की लड़कियों को अपने प्रेमजाल में फंसाया था, मगर वह काम अलग-अलग अंजाम दिया गया था। एसआईटी जांच में किसी साजिश या फंडिंग के सुबूत नहीं मिले हैं। आईजी ने बताया कि 11 मामलों में आरोप पत्र दाखिल किया गया है और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। नाबालिग लड़कियों को गलत नाम बताकर प्रेमजाल में फंसाने वाले आरोपियों पर बलात्कार, अपहरण और शादी के लिए मजबूर करने के आरोप भी लगाये गए हैं।
आईडी ने बताया कि दूसरे धर्म की लड़कियों से निकाह करने के लिए आरोपियों ने लड़कियों का नाम और धर्म परिवर्तित कराया। नाम और धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया में कानून का पालन नहीं किया गया। पुलिस इन मामलों में आगे की कार्रवाई करेगी। गौरतलब है कि कुछ हिन्दूवादी संगठनों ने कानपुर में कथित लव जिहाद की घटनाओं को लेकर पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल से शिकायत की थी। इनकी जांच के लिये अपर पुलिस अधीक्षक-दक्षिणी दीपक भूकर की अगुवाई में आठ सदस्यीय एसआईटी गठित की गयी थी।