कानपुर में इंटरनेशनल किडनी रैकेट का पर्दाफाश, SIT जांच के दायरे में फोर्टिस जैसे बड़े हॉस्पिटल
Kanpur news, कानपुर। यूपी में कानपुर के बर्रा थाने में मानव अंगो के प्रत्यारोपण कराने वाले गैंग के पकड़े गए सदस्यों ने नए खुलासे किये। वहीं कानपुर पुलिस ने पूरे मामले की जांच के लिए एक एसआईटी टीम गठित कर दी। गिरफ्तार अभियुक्तों के खुलासे के बाद कानपुर पुलिस की एक टीम दिल्ली रवाना हो गई। दिल्ली के फोर्टिस, पीएसआरआई और गंगाराम हॉस्पिटल के कोऑर्डिनेटर की गिरफ्तारी तय हो चुकी है। एसएसपी कानपुर ने बताया कि मानव अंग प्रत्यारोपण के तार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जुड़े होने के सुराग मिले हैं।
जांच के लिए बनी एसआईटी
कानपुर एसएसपी अनंत देव ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय मानव अंग प्रत्यारोपण कराने वाले गैंग की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया जिसमें एक डिप्टी एसपी और दो इन्स्पेक्टर नियुक्त किये गए हैं। गिरफ्तार अभियुक्तों के बयान और पीड़ित महिला की शिकायत पर दिल्ली का तीसरा अस्पताल गंगाराम अस्पताल भी जांच के घेरे में है। फिलहाल कानपुर का कोई भी अस्पताल शक़ के घेरे नहीं है।
श्रीलंका के बाद टर्की में ट्रांसप्लांट
इस गैंग के तार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जुड़े होने के सुराग मिले हैं। दिल्ली का एक नामी डॉक्टर पहले फर्जी वीजा और पासपोर्ट के सहारे डोनर को श्रीलंका ले जाकर मानव अंग प्रत्यारोपण करता था लेकिन श्रीलंका में मानव अंग प्रत्यारोपण बंद हो जाने के बाद अब ये डोनर को टर्की ले जाते हैं। एसआईटी के गठन के बाद जल्द ही पूरे रैकेट का खुलासा किया जाएगा।
कानपुर में बड़े रैकेट का खुलासा
कानपुर पुलिस ने मानव अंगों का अवैध कारोबार करने वाले एक अन्तर्राज्यीय नेटवर्क को ध्वस्त करते हुए छह व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। इस नेटवर्क का हिस्सा बने राजधानी दिल्ली के दो बड़े अस्पतालों के खिलाफ सबूत जुटाने के लिये दिल्ली पुलिस से सम्पर्क साधा जा रहा है। मानव अंगों के ये कारोबारी झुग्गी झोपड़ी में रहने वालों को अपने जाल में फंसा कर दिल्ली ले जाते थे और उनकी किडनी व लीवर निकाल कर तीस से अस्सी लाख में बेच देते थे। यह गिरोह गरीबों को अपने जाल में फंसाता था और उन्हें डोनर बनाकर जरूरतमन्दों को उनकी किडनी या लीवर बेच देता था। एक किडनी की कीमत 25 से 30 लाख और लीवर की कीमत 70 से 80 लाख होती थी। इस सौदेबाजी में डोनर को चार लाख रूपये दिये जाते थे और बाकी बिचैलियों के बीच बंट जाता था।