कानपुर: 'लव जिहाद' के आरोपियों की बैंक डिटेल्स खंगाल रही SIT, विदेश से फंडिंग की भी हो रही जांच
कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में धर्म छिपाकर हिंदू लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाने के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। लोगों का आरोप है कि यह 'लव जिहाद' है। अब तक ऐसे 9 मामले सामने आ चुके हैं। सभी मामलों की जांच एसआईटी द्वारा की जा रही है। ऐसे मामलों में फंडिंग की पड़ताल भी की जा रही है। खाड़ी देशों और आतंकी संगठनों से फंडिंग की जांच हो रही है। आरोपियों और उनके परिजनों के बैंक खातों की जांच के भी आदेश दिए गए हैं।
सभी आरोपियों की आर्थिक स्थिति बेहद खराब
दरअसल, सभी आरोपियों की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। इसके बाद भी आरोपी कानूनी लड़ाई में पानी की तरह पैसा बहा रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आरोपियों की मदद कौन कर रहा है, इनकी फंडिंग कहां से हो रही हैं। शिकार हुई लड़कियों के परिजन और हिंदूवादी संगठनों ने आईजी रेंज से मुलाकात कर आरोप लगाया था कि एक संगठित गिरोह शहर में सक्रिय है, जो लड़कियों का ब्रेनवॉश कर धर्म परिवर्तन कराता है। जिसमें से लव जिहाद के पांच आरोपी एक ही कॉलोनी के रहने वाले हैं। आईजी रेंज ने गंभीरता दिखाते हुए एसआईटी का गठन किया था।
एसआईटी कर रही मामले की जांच
आईजी रेंज मोहित अग्रवाल ने बताया कि एसआईटी ने अपनी जांच में सबसे पहले आरोपियों की आर्थिक स्थिति की जांच की, जिसमें पाया कि सभी आरोपियों के परिवारों की आर्थिक स्थित ठीक नहीं है। बता दें, कानपुर से सटे उन्नाव जनपद में भी ऐसी ही मामला सामने आया है। आरोप है कि नाबालिग लड़की को एक मुस्लिम युवक बहला-फुसलाकर भगा ले गया है। पुलिस ने मामले में केस दर्ज कर लिया है। वहीं, पीड़ित परिवार मुख्य आरोपी का नाम एफआईआर में नहीं होने के साथ ही पॉक्सो ऐक्ट नहीं लगाया गया है। यही नहीं परिजनों का कहना है कि एफआईआर में गायब किशोरी की उम्र ही नहीं लिखी गई है।
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