कानपुर: बीमार बेटे को चारपाई पर लेकर लुधियाना से एमपी की तरफ पैदल ही चल पड़ा लाचार पिता
कानपुर। लॉकडाउन में काम-धंधे बंद हो गए है, जिसके चलते प्रवासी मजदूर अपने-अपने राज्यों को लौट रहे है। जिसके चलते हरदिन हाईवे पर दिल को झकझोर देने वाली तस्वीरें और वीडियो देखने को मिल रहे है। एक ऐसी तस्वीर उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित रामदेवी हाईवे पर दिखी। यहां एक पिता अपने बीमार बेटे को चारपाई पर लिटाकर लुधियाना से मध्य प्रदेश की तरफ ले जा रहे है।
18
साथियों
के
साथ
पैदल
निकले
एमपी
की
तरफ
मध्य
प्रदेश
के
सिंगरौली
गांव
निवासी
राजकुमार
लुधियाना
में
मजदूरी
करते
थे
और
वहीं
पर
परिवार
के
साथ
रहते
थे।
लॉकडाउन
के
चलते
फैक्ट्री
बंद
हो
गई
तो
उनके
सामने
रोटी
का
संकट
खड़ा
हो
गया।
स्थानीय
प्रशासन
से
मदद
की
गुहार
लगाई
लेकिन
सहयोग
नहीं
मिला।
जिसके
कारण
राजकुार
ने
अपने
अन्य
18
साथियों
के
साथ
पैदल
ही
घर
जाने
का
बीडा
उठाया।
गर्दन
में
चोट
से
पैदल
नहीं
चल
सकता
बेटा
राजकुमार
ने
बताया
कि
उनका
15
वर्षीय
बेटा
बृजेश
बीमार
था।
गर्दन
में
चोट
होने
के
कारण
उसका
पैदल
चलना
मुमकिन
नहीं
था।
इसलिए
उन्होंने
बेटे
को
चारपाई
में
लिटाने
के
बाद
उसमें
रस्सी
के
सहारे
एक
बल्ली
बांधी।
परिवार
के
साथ
गांव
के
लोगों
के
मिलाकर
कुल
18
लोग
थे
जो
बारी-बारी
से
उस
चारपाई
को
कंधे
पर
उठाकर
बीमार
बेटे
को
अपने
साथ
पैदल
लेकर
घर
जा
रहे
थे।
रास्ते
में
उन्होंने
करीब
50
किमी.
का
सफर
वाहन
से
तय
किया।
थाना
प्रभारी
रामकुमार
गुप्ता
ने
की
मदद
राजकुमार
ने
बताया
कि
अधिकतर
वाहन
चालक
बेटे
को
चारपाई
पर
लेटा
देख
उसे
साथ
ले
जाने
के
लिए
राजी
नहीं
होते
थे।
शुक्रवार
दोपहर
बाद
उन्हें
रामादेवी
हाईवे
पर
परिवार
को
इस
तरह
बच्चे
को
ले
जाते
हुए
देखकर
थाना
प्रभारी
रामकुमार
गुप्ता
ने
उन्हें
रोककर
बातचीत
की
तो
पिता
रोने
लगा।
फिर
थाना
प्रभारी
ने
राजकुमार
और
उसके
परिवार
को
भोजन
कराया
और
वाहन
की
व्यवस्था
कराकर
उन्हें
घर
भेजा
गया।
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