विकास दुबे की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई सामने, जानें कैसे हुई गैंगस्टर की मौत
कानपुर। गैंगस्टर विकास दुबे के खात्मे के बाद अब उसके करीबियों पर पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है। विकास के करीबी और खजांची जय बाजपेयी को पुलिस ने कारतूस सप्लाई करने के आरोप में दोबारा गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, पूर्व कैबिनेट मंत्री के नाती और समाजवादी पार्टी के तिगाई जिला पंचायत अध्यक्ष नीरज सिंह गौर भी पुलिस की राडार पर हैं। इस बीच विकास दुबे की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, इस रिपोर्ट में विकास की मौत की वजह 'गोली लगने के बाद खून ज्यादा बहना' बताया गया है। बता दें, कानपुर शूटआउट का मुख्य आरोपी विकास दुबे 10 जुलाई को पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था।
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विकास के आरपार हुई थी तीन गोलियां, शरीर पर 10 जख्म
'आजतक' की रिपोर्ट के मुताबिक, विकास दुबे की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आई है। विकास के तीन गोलियां आरपार हुई थीं और शरीर में 10 जख्म थे। पहली गोली दाहिने कंधे और अन्य दो गोलियां बाएं सीने में लगी थीं। दाहिने हिस्से में सिर, कोहनी, पसली और पेट में चोटें आई थीं। छह जख्म (इंट्री-एग्जिट) गोलियों के हैं, जबकि अन्य चार जख्म शरीर के दाहिने हिस्से में थे। ये जख्म गोलियां लगने के बाद गिरने से हुए। फॉरेंसिक एक्सपर्ट के मुताबिक, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट 10 इंजरी का जिक्र है।
एनकाउंटर में ढेर हुआ था विकास दुबे
बता दें, कानपुर के चौबेपुर थानाक्षेत्र के बिकरू गांव में 2-3 जुलाई की रात को गैंगस्टर विकास दुबे के घर दबिश देने गई कानपुर पुलिस की टीम पर हमला हो गया था। इस हमले में सीओ समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। इस घटना के बाद विकास दुबे फरार हो गया था। करीब एक सप्ताह बाद वह उज्जैन से पकड़ा गया। यूपी एसटीएफ विकास को उज्जैन से कानपुर ला रही थी, रास्ते में एसटीएफ की एक गाड़ी पलट गई और विकास ने पुलिसकर्मी की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की। पुलिस ने उसे सरेंडर के लिए कहा, लेकिन उसने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी फायरिंग में विकास दुबे मारा गया।