विकास दुबे के साथी राम सिंह यादव को पुलिस ने किया गिरफ्तार, कानपुर मुठभेड़ में था शामिल
कानपुर। उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने विकास दुबे के एक साथी राम सिंह यादव को अकबरपुर क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। राम सिंह यादव के ऊपर 50 हजार का इनाम था। राम सिंह यादव गैंगस्टर विकास दुबे का खास शूटर था। उसके खिलाफ अलग-अलग थानों में छह से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस राम सिंह यादव से आगे पूछताछ कर रही है।
एसटीएफ आईजी अमिताभ यश ने इस बारे में बताया कि 50 हजार का इनामी बदमाश चौबेपुर क्षेत्र निवासी राम सिंह यादव को गिरफ्तार किया है। वह बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों के हत्याकांड के आरोपितों में से एक था। घटना के बाद वह फरार हो गया था। पुलिस उसकी तलाश में लगी थी। राम सिंह यादव अकबरपुर में एक किराए के मकान में छुपकर रह रहा था। उसके बारे में सुराग मिलने पर एसटीएफ के इंस्पेक्टर शैलेंद्र सिंह की टीम ने उसे पकड़ लिया।
विकास दुबे गैंग के सदस्य शिव सिंह की मौत के बाद उसका भाई राम सिंह यादव गैंग में शामिल हुआ था। एसपी देहात बृजेंद्र श्रीवास्तव ने इस बारे में बताया कि राम सिंह यादव से पूछताछ की जा रही है। अगर पता चलेगा कि उसको छुपने में किसी ने मदद की है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। राम सिंह यादव के पास लाइसेंसी बंदूक होने की जानकारी मिली है। लाइसेंस को निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
2
जुलाई
की
रात
को
आठ
पुलिसकर्मियों
की
हत्या
जमीनी
विवाद
को
लेकर
मिली
तहरीर
के
बाद
सीओ
देवेंद्र
मिश्रा
पुलिस
टीम
को
लेकर
विकास
दुबे
के
घर
दबिश
देने
बिकरू
गांव
गए
थे।
पुलिसकर्मियों
की
मुखबिरी
से
विकास
दुबे
को
पुलिस
टीम
के
आने
की
खबर
मिल
गई
थी।
उसने
पहले
से
तैयारी
की
और
अपने
गैंग
के
साथ
मिलकर
पुलिसकर्मियों
को
घेरकर
फायरिंग
करनी
शुरू
कर
दी।
विकास
दुबे
गैंग
ने
सीओ
देवेंद्र
मिश्रा
समेत
आठ
पुलिसकर्मियों
की
हत्या
कर
दी
और
सभी
फरार
हो
गए।
फरार
विकास
दुबे
उज्जैन
के
महाकाल
मंदिर
में
पकड़ा
गया
था,
जहां
से
कानपुर
लाते
समय
वह
पुलिस
के
साथ
मुठभेड़
में
मारा
गया
था।
बिकरू
गांव
में
हुई
घटना
और
विकास
दुबे
मुठभेड़
की
न्यायिक
जांच
चल
रही
है।
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