50 से ज्यादा सीरियल ब्लास्ट करने वाला आतंकी 'डॉक्टर बम' क्यों पहुंचा था कानपुर, बताई ये वजह
कानपुर। 1993 में हुए मुंबई सीरियल ब्लास्ट के दोषी जलीस अंसारी उर्फ 'डॉक्टर बम' को यूपी एटीएस ने कानपुर से गिरफ्तार कर लिया है। एसटीएफ से पूछताछ में जलीस अंसारी ने बताया कि वह 26 वर्ष बाद पैरोल पर छूट के आया है। घर पर पहुंचने के बाद बीवी और बच्चों से रोजाना झगड़ा होता था। परेशान होकर उसने घर छोड़ दिया। उसने बताया कि वह जेल में रहकर ऊब गया था इसीलिए हाजिर नहीं हो रहा था।
देश से भागने की फिराक में था आतंकी
उत्तर प्रदेश पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह ने बताया कि मुंबई से फरार आतंकी डॉ. जलीस अंसारी को शुक्रवार को कानपुर से उस समय गिरफ्तार किया गया, जब वह मस्जिद से बाहर आ रहा था। उसकी योजना देश से भागने की थी। डीजीपी ने बताया कि आतंकी डॉ. जलीस अंसारी मुंबई से गुरुवार को लापता था। वह देश से भागने की फिराक में था। डीजीपी ने कहा फिलहाल उससे पूछताछ जारी है।
अजमेर की जेल से पैरोल पर आया था बाहर
डीजीपी ने बताया कि देशभर में कई सिलसिलेवार बम धमाकों के मामलों में दोषी और सजायाफ्ता डॉ. जलीस अंसारी पैरोल पर मुंबई में था। आतंकी जलीस अंसारी पिछले महीने पैरोल पर अजमेर की जेल से बाहर आया था। उस पर 50 से ज्यादा सीरियल बम धमाके करने का भी आरोप है।
कानपुर से ट्रेन से गोरखपुर जाने की थी योजना
आईजी एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया कि संत कबीर नगर निवासी डॉ. जलीस अंसारी का नाम 50 से अधिक सीरियल बम विस्फोट की घटना में शामिल था। उसको 26 दिसंबर को तीन सप्ताह के लिए पैरोल पर छोड़ा गया था। इसके बाद 17 जनवरी को वापस जेल जाना था। मुंबई से गायब होने की सूचना पर एसटीएफ सक्रिय हो गई थी। आईजी एसटीएफ के पास उसके कानपुर में होने की सूचना थी। शुक्रवार को कानपुर में एक एक मस्जिद से निकल कर वह रेलवे स्टेशन जा रहा था। इसके बाद एसटीएफ ने बातचीत कर उसे पकड़ा। कानपुर से ट्रेन से उसके गोरखपुर जाने की योजना थी। वहां से नेपाल से रास्ते भारत से भागने की योजना बना चुका था। जलीस बम बनाने का मास्टर है। पेशे से डॉक्टर जलीस आतंकी गतिविधियों में शामिल हो गया था। उसको कानपुर से गिरफ्तार कर लखनऊ लाया गया है।