VIDEO: प्रवासी श्रमिकों ने कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर लूटे खाने के पैकेट, 30 घंटे से भूखे-प्यासे थे
कानपुर। लॉकडाउन में काम-धंधे बंद हो गए है, जिसके चलते प्रवासी श्रमिकों के सामने विषम हालात हैं। ऐसे में उनके पास घर लौटने के सिवाय कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है। ऐसे में सरकार ने इन श्रमिकों के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की व्यवस्था की है। लेकिन ट्रेनों में इन प्रवासी श्रमिकों को भोजन-पानी की व्यवस्था के सरकारी दावों की पोल खोलता एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। यह वायरल वीडियो उत्तर प्रदेश के कानपुर सेंट्रल स्टेशन का है।
भोजन के पैकेट लूटने के लिए हुई हाथा-पाई
प्रवासी श्रमिकों को लेकर जामनगर से चली श्रमिक स्पेशल ट्रेन शुक्रवार को कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर रूकी तो अजब सी नौबत सामने आ गई। भूख से बिलख रहे श्रमिकों ने कानपुर रेलवे स्टेशन पर भोजन पैकेट के लिए लूट मचा दी। इस दौरान धक्का-मुक्की और हाथा-पाई तक सब कुछ हो गया। किसी के कपड़े फटे तो किसी को चोट आई। घटना के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ गईं। लोगों के बीच इस तरह का बवाल देखकर रेलकर्मी वहां से मजबूरन दूर हट गए। यही नहीं, इस घटना के दौरान कुछ लोगों को तो खाने के पैकेट्स मिले और बाकी खाना फर्श पर फैल गया।
फिर मौके पर पहुंचे कुछ जवान
श्रमिक स्पेशल ट्रेन जामनगर से चलकर सीतामढ़ी जा रही थी। यह ट्रेन 30 घंटे का सफर तय करके शाम को तकरीबन 4 बजकर 15 मिनट पर कानपुर सेंट्रल के प्लैटफॉर्म संख्या 8 पर पहुंची। ट्रेन की सूचना के बाद आईआरसीटीसी के कर्मचारी ट्रॉली लेकर प्लैटफॉर्म पर पहुंचे। इसी बीच भूख से बिलख रहे यात्री खाने के लिए दौड़ पड़े। प्रशासन द्वारा खाने के पैकटों का इंतजाम किया गया था और सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखने के लिए प्लेटफॉर्म पर गोले बनाए गए थे जिस पर लोगों को खड़े होकर खाना लेना था। मगर भूख के आगे नियम-कानून भूल सैकड़ों की संख्या में लोग खाने पर टूट पड़े। इन हालातों को संभालने में नाकाम रेल के प्रशासनिक अधिकारी धीमे से खिसकते नजर आए। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग तार-तार हो गई। रेल कर्मचारियों ने अधिकारियों को मामले की जानकारी दी तो कुछ जवान मौके पर पहुंचे।
टॉयलेट का पानी पी कर प्यास बुझाई
न्यूज़ 18 की खबर के मुताबिक, श्रमिक स्पेशल ट्रेन के यात्रियों ने बताया कि सफर के दौरान ट्रेन में न तो पानी की व्यवस्था थी और न ही खाने। इन लोगों ने टॉयलेट का पानी पी-पी कर यह सफर गुजारा। 30 घंटे बाद जब कानपुर पहुंचे तो उनके सब्र का बांध टूट गया। किसी बात को लेकर कुछ लोगों में कहासुनी हुई, फिर धक्का-मुक्की, फिर मारा-पीटी शुरू हो गई। जिसके बाद जिसे जितना खाना मिला वह जल्दी-जल्दी खाने लगा। इस अफरातफरी के चलते कई लोग भूखे रह गए। इस पूरे मामले पर आरपीएफ इंस्पेक्टर प्रदुम्न ओझा और जीआरपी के प्रभारी निरीक्षक राममोहन राय ने बताया कि जीआरपी के जवान भी मुस्तैद थे और वह स्वयं भी साथ में खड़े थे। मगर खाने को लेकर जिस प्रकार से हाथा-पाई हुई जब तक कि जीआरपी कुछ समझ पाती उन लोगों ने काफी सारा खाना प्लेटफार्म पर बिखेर दिया था। किसी तरह यात्रियों को समझा-बुझाकर ट्रेन में बैठाया गया और ट्रेन को रवाना कराया गया।
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