VIDEO: जो बटन दबाया क्या उसी को मिला वोट?, जानिए कैसे काम करती है VVPAT
Kanpur news, कानपुर। ईवीएम पर उंगली उठाने वाले अगर मतदान केंद्र पर वीवीपैट को लेकर कोई अफवाह उड़ाने की सोच रहे हैं तो यह खबर उनके लिए एक चेतावनी है। 11 अप्रैल से देश अपनी नई सरकार चुनने के लिए चरणबद्ध तरीके से मतदान करेगा। अगर किसी मतदाता ने वीवीपैट में गड़बड़ी साबित कर दी तो वहां दोबारा मतदान होगा और कोई फर्जीवाड़ा किया तो जेल की हवा खानी पड़ेगी।
मतदाता के पास होंगे सात सेकेंड
इस बार चुनाव आयोग ने हर मतदाता को सात सेकेंड दिए हैं, ये जानने के लिए कि उसने जिसे वोट दिया है, वो उसके खाते में ही गया है, कहीं और नहीं। दरअसल, ऐसा इसलिए करना पड़ा क्योंकि सत्ता से बेदखल हुई पार्टियां पिछले चुनाव के बाद से ईवीएम की ईमानदारी पर उंगली उठा रही थीं। चुनाव आयोग ने इस बार हर ईवीएम के साथ वीवीपैट (Voter verifiable paper audit trail) मशीन जोड़ दी। इस तरह हर वोट पड़ने के बाद इस मशीन पर एक पर्ची आएगी, जिसमें किसे वोट गया है इसका विवरण दर्ज होगा। लेकिन मतदाता इस पर्ची को साथ नहीं ले जा सकेगा। सात सेकेंड तक दिखाई देने के बाद ये पर्ची वीवीपैट में ही स्टोर हो जाएगी।
अफवाहों से बचने के लिए भी व्यवस्था
लेकिन कुछ राजनैतिक दल मतगणना के दौरान इन पर्चियों के मिलान की मांग कर रहे हैं। इससे साफ है कि अब वीवीपैट की निष्पक्षता पर भी उन्हें संदेश है। तो फिर इस बात की सम्भावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि मतदान के दिन हवा का रूख अपने विपरीत देखकर किन्हीं पार्टी के कार्यकर्ता ऐसी अफवाहें उड़ाने लगें कि ईवीएम का बटन किसी पर दबाया जा रहा है और वीवीपैट किसी और को वोट जाने की पर्ची दिखा रहा है। इस तरह की अफवाहें मतदान प्रक्रिया में रूकावट पैदा कर सकती हैं। मतदाताओं का भरोसा भी बना रहे और सुर्रेबाजी भी रोकी जा सके, इसके लिए चुनाव आयोग ने निश्चित व्यवस्था दी है।
क्या कहते हैं निर्वाचन अधिकारी
कानपुर के जिला निर्वाचन अधिकारी विजय विश्वास पन्त के मुताबिक, यदि कोई व्यक्ति इस तरह की शिकायत करता है कि उसका वोट किसी अन्य उम्मीदवार को गया है तो मतदान केंद्र पर पीठासीन अधिकारी उससे एक घोषणा पत्र भरवाएगा और फिर सबके सामने एक टेस्ट वोट डाला जाएगा। यदि शिकायत सही पाई गई तो मशीन बदल दी जाएगी। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी व्यकेंटेश्वर लू तो यहां तक कहते हैं कि वहां का मतदान निरस्त कर, पुनर्मतदान कराया जाएगा, लेकिन इसके उलट शिकायत झूठी पाई गई तो शिकायतकर्ता को पुलिस के हवाले कर दिया जाएगा। इससे साफ है कि कल से शुरू होने वाला मतदान अधिक पारदर्शी, लेकिन सुर्रेबाजों के लिये मुश्किलों वाला होगा।
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