कानपुर शूटआउट केस: 14 दिन बाद सामने आया राहुल, जिसने विकास दुबे पर दर्ज कराई थी FIR
कानपुर। दुर्दांत अपराधी विकास दुबे के खिलाफ चौबेपुर थाने में एफआईआर दर्ज करने वाला शख्स राहुल तिवारी सामने आया गया है। वो शूटआउट के बीते 14 दिन बाद पुलिस के सामने आया है। फिलहाल चौबेपुर थाने की पुलिस राहुल तिवारी से पूछताछ कर रही है। राहुल तिवारी वही शख्स है, जिसने 2 जुलाई की सुबह दुर्दांत अपराधी विकास दुबे के खिलाफ चौबेपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी औऱ बिकरू गांव में हुए शूटआउट से पहले वो गांव से फरार हो गया था।
पुलिस के सामने आया राहुल तिवारी
आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का मुख्य आरोपी और पांच लाख रुपए का इनामी बदमाश विकास दुबे 10 जुलाई की सुबह उज्जैन से वापस लाते वक्त मुठभेड़ में मारा गया था। विकास दुबे के मारे जाने के बाद उस पर एफआईआर दर्ज कराने वाला शख्स राहुल तिवारी भी सामने आ गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीते रविवार को पुलिस ने जादेपुर गांव में रहने वाले राहुल के परिजनों से कहा था कि राहुल को पेश नहीं किया गया तो एफआईआर दर्ज होगी। जिसके बाद वो 14 जुलाई की देर शाम पुलिस के सामने आ गया। फिलहाल, उससे चौबेपुर पुलिस पूछताछ कर रही है।
शूटआउट की सुबह से लापता था राहुल
दरअसल, राहुल तिवारी 2 जुलाई की सुबह से ही लापता हो गया था। राहुल तिवारी की मां सुमन देवी ने बताया कि राहुल ने आखिरी बार उनसे 2 जुलाई की रात को बात की थी। उसने फोन पर डरी हुई आवाज में बात की, इसके बाद अपनी पत्नी, बच्चों और भाभी के साथ गायब हो गया। कानपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी ने कहा कि राहुल की जान को भी गंभीर खतरा है।
विकास दुबे ने पीटा था राहुल को
जादेपुर गांव के राहुल तिवारी का मोहिनी निवादा गांव में ससुराल है। आरोप है कि वह ससुराल की जमीन बेचना चाहते थे, लेकिन पत्नी की बहनें इसका विरोध कर रही थीं। बिकरू में ब्याही राहुल की एक साली ने विकास से इसमें दखल देने को कहा तो विकास ने राहुल को पीटा। अगले दिन उन्होंने चौबेपुर के तत्कालीन स्टेशन अधिकारी विनय तिवारी को एक लिखित शिकायत दी थी। पुलिस के अनुसार, चौबेपुर थाना प्रभारी ने शिकायत दर्ज करने के बजाय राहुल तिवारी को उनके साथ जाने के लिए कहा और दुबे से सुलह के लिए मुलाकात की। इस घटना के बाद 2 जुलाई की शाम को बिल्हौर सर्कल अधिकारी, डीएसपी देवेंद्र मिश्रा के हस्तक्षेप पर एफआईआर दर्ज की गई थी।
पुलिसकर्मियों को साथ लेकर विकास दुबे के घर दबिश देने गए थे सीओ
राहुल तिवारी की एफआईआर के बाद बिल्हौर सीओ देवेंद्र मिश्रा ने पुलिस टीम को इकट्ठा किया, जिसमें तीन पुलिस स्टेशन के अधिकारियों सहित 25 पुलिसकर्मी शामिल थे। फिर बिकरू गांव में विकास दुबे के घर पर छापा मारा गया, जहां गैंगस्टर और उसके लोगों ने पुलिस टीम पर घात लगाकर हमला किया और उनमें से 8 को मार डाला। गोलीबारी में सात पुलिसकर्मी, एक होमगार्ड और एक नागरिक घायल हो गए।
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