कानपुर: छह दिन से लापता प्रॉपर्टी डीलर का मिला शव, बोरे में भरकर गड्ढे में फेंका गया था
कानपुर। संजीत यादव हत्याकांड का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा है तो वहीं, दूसरी ओर छह दिन से लापता सुनील यादव का शव पुलिस ने बरमाद कर लिया है। पुलिस की मानें तो शव बोरे में भरकर बिधनू के उरछी गांव के पास पानी भरे गड्ढे में फेंका गया था। इतना ही नहीं, हत्यारोपियों ने कपड़े और चप्पल एक बैग में भरकर बर्रा 4 तात्याटोपे नगर स्थित नए पुल से फेंक दिया। हालांकि, पुलिस ने दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपितों से देर रात तक पुलिस पूछताछ करती रही।
चार
सितंबर
से
लापता
थे
सुनील
यादव
बर्रा
थाना
क्षेत्र
स्थित
बर्रा
7
में
रहने
वाले
सुनील
यादव
बीते
चार
सितंबर
से
लापता
थे।
परिवार
में
पत्नी
उर्मिला
और
बेटी
अदिति
हैं।
बता
दें
कि
सुनील
सिंह
यादव
पत्रकार
थे,
लेकिन
पारिवारिक
जिम्मेदारियों
के
चलते
पत्रकारिता
को
छोड़
बिजनेस
को
अपना
पेशा
बना
चुके
थे।
हालांकि,
सुनील
के
परिजनों
की
मानें
तो
उनकी
किसी
से
कोई
रंजिश
नहीं
थी,
लेकिन
बर्रा
आठ
में
बनी
एक
कॉलोनी
में
सोनू
विश्वकर्मा
नाम
के
एक
युवक
को
किराए
पर
मकान
दे
रखा
था।
सोनू
विश्वकर्मा
ने
फोन
करके
बुलाया
था
सुनील
को
सोनू
विश्वकर्मा
फैब्रिकेटिंग
का
काम
करता
है
और
वो
उस
घर
में
व्यापार
का
सामान
रखता
था।
सुनील
घर
खाली
करने
के
लिए
सोनू
विश्वकर्मा
पर
दबाव
बना
रहे
थे
लेकिन
सोनू
तैयार
नहीं
था।
दअरसल
सुनील
उससे
घर
खाली
कराकर
बेचना
चाहता
था।
सोनू
विश्वकर्मा
ने
बीते
4
सितंबर
की
दोपहर
12
बजे
सुनील
को
फोन
करके
कहा
था
कि
घर
खाली
कर
रहा
हूं,
आकर
चाबी
ले
जाओ।
सुनील
चाबी
लेने
के
लिए
घर
से
निकले
थे,
इसके
बाद
दोबारा
नहीं
लौटे।
परिजन
देररात
तक
सुनील
की
तलाश
करते
रहे,
लेकिन
उनका
कहीं
कुछ
पता
नहीं
लगा।
परिजनों
ने
5
सितंबर
को
बर्रा
थाने
में
गुमशुदगी
दर्ज
कराई
थी।
कैसे
सगे
भाइयों
ने
दिया
वारदात
को
अंजाम
सुनील
जब
सोनू
से
चाबी
लेने
के
लिए
घर
पहुंचे
तो
सोनू
ने
अपने
भाई
मोनू
के
साथ
मिलकर
सुनील
को
दबोच
लिया
और
हत्या
कर
दी।
दोनों
भाइयों
ने
सुनील
के
हाथ-पैर
रस्सी
से
बांधकर
बोरे
में
भर
दिया।
इसके
बाद
बोरे
को
जूट
की
रस्सी
से
चारों
तरफ
लपेट
दिया।
किसी
को
शक
न
हो
इसलिए
स्कूटी
से
दोनों
भाई
सुनसान
रास्ते
से
होते
हुए
बिधनू
थाना
क्षेत्र
स्थित
ओरछी
गांव
पहुंचे
और
सड़क
किनारे
पानी
से
भरे
गड्ढे
में
शव
फेंक
दिया
था।
मोबाइल
को
एक
सवारी
वैन
में
फेंककर
किया
भ्रमित
सुनील
का
शव
ठिकाने
लगाने
के
बाद
सोनू
और
मोनू
ने
मृतक
के
मोबाइल
को
नौबस्ता
बाईपास
से
घाटमपुर
की
तरफ
जाने
वाली
एक
सवारी
वैन
में
फेंक
दिया
था।
ताकि
पुलिस
का
ध्यान
उस
मोबाइल
की
लोकेशन
की
तरफ
चला
जाए।
हत्यारे
अपनी
रणनीति
में
कामयाब
भी
हुए।
पुलिस
ने
गुमशुदगी
की
तहरीर
पर
अपनी
जांच
शुरू
की
तो
मोबाइल
बरामदगी
करने
में
उलझ
गई।
मोबाइल
की
लोकेशन
घाटमपुर
की
बता
रही
थी।
ओरछी
गांव
से
बरामद
हुआ
था
अज्ञात
शव
बिधनू
पुलिस
ने
बीते
6
सितंबर
को
ओरछी
गांव
के
पास
से
पानी
से
भरे
गड्ढे
में
एक
अज्ञात
शव
बरामद
किया
था।
पुलिस
ने
शव
को
मॉर्चरी
भेजा
था।
बरामद
किया
गया
शव
पानी
में
पूरी
तरह
से
फूल
गया
था,
शव
पर
कपड़े
भी
नहीं
थे।
बर्रा
पुलिस
सुनील
के
परिजनों
को
शव
की
शिनाख्त
करने
के
लिए
मॉर्चरी
लेकर
पहुंची
थी,
लेकिन
शव
पानी
में
फूल
जाने
के
कारण
परिजन
शिनाख्त
नहीं
कर
पाए।
सुनील
के
परिजनों
ने
बीते
8
सितंबर
को
अपहरण
की
तहरीर
दी
थी।
बर्रा
पुलिस
ने
गुमशुदगी
को
अपहरण
में
तब्दील
कर
दिया
था।
पुलिस
को
दोनों
भाइयों
पर
कैसे
हुआ
शक
सीओ
विकास
पांडेय
के
मुताबिक
सुनील
के
मोबाइल
की
लोकेशन
जहानाबाद
और
घाटमपुर
बताई
जा
रही
थी।
हमारी
टीम
ने
उस
शख्स
को
भी
खोज
निकाला
जिसके
पास
मोबाइल
था।
उसने
बताया
कि
हमें
कहां
से
मोबाइल
मिला
और
कैसे
मिला।
इसके
साथ
ही
सुनील
के
परिजनों
ने
सोनू
और
मोनू
पर
हत्या
का
आरोप
लगाया
था।
दोनों
ही
भाई
हमारी
हिरासत
में
थे,
इनसे
भी
तफ्तीश
चल
रही
थी।
सीओ ने बताया, 'हमने अपने मुखबिरों को क्षेत्र में ऐक्टिव किया था, तभी हमें जानकारी मिली कि सोनू और मोनू 4 सितंबर को स्कूटी में बारे में लेकर कुछ निकले थे। हमें इस सूचना पर शक हुआ तो दोनो भाइयों से सख्ती से पूछताछ की गई। इस दौरान सोनू टूट गया और उसने पूरा घटनाक्रम बताया कि कैसे वारदात को अंजाम दिया था।'
ये भी पढ़ें:-कानपुर: संजीत कांड के बाद 4 दिन से लापता है ये शख्स, अब तक नहीं लगा कोई सुराग