कानपुर किडनैपिंग-मर्डर केस: अखिलेश ने कहा- 50 लाख मुआवजा दे सरकार, बसपा ने की ये मांग
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में आपराधिक घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। कानून-व्यवस्था को लेकर प्रदेश सरकार बैकफुट पर नजर आ रही है। उधर, इस मुद्दे पर विपक्ष लगातार योगी सरकार हमलावर है। कानपुर से अपहृत लैब टेक्नीशियन की हत्या के मामले में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के बाद समाजवादी पार्टी और बीएसपी ने यूपी सरकार को निशाने पर लिया है। बीएसपी ने सरकार से मांग की है कि अपराध-नियंत्रण व कानून-व्यव्स्था के मामले तुरंत हरकत में आए। वहीं, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार पर चेतावनी देने के बाद भी निष्क्रिय रहने का आरोप लगाते हुए मृतक के परिवार को 50 लाख मुआवजा और फिरौती की रकम देने की मांग की है।
मृतक के परिवार को 5 लाख की मदद देगी सपा
अखिलेश यादव ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ''कानपुर से अपहृत इकलौते बेटे की मौत की ख़बर दुखद है। चेतावनी देने के बाद भी सरकार निष्क्रिय रही। अब सरकार 50 लाख का मुआवज़ा व दी गयी फिरौती की रकम भी दे। सपा मृतक के परिवार को 5 लाख की मदद देगी।'' ट्वीट में लिखा है, ''अब कहां है दिव्य-शक्ति सम्पन्न लोगों का भयोत्पादक प्रभा-मण्डल व उनकी ज्ञान-मण्डली।''
मायावती ने कहा- यूपी में जारी जंगलराज...
मायावती ने ट्वीट किया, ''यूपी में जारी जंगलराज के दौरान एक और घटना में कानपुर में अपहरणकर्ताओं द्वारा श्री संजीत यादव की हत्या करके शव को नदी में फेंक दिया गया जो अति-दुःखद व निन्दनीय। प्रदेश सरकार खासकर अपराध-नियंत्रण व कानून-व्यव्स्था के मामले में तुरन्त हरकत में आए, बीएसपी की यह मांग है।'' प्रियंका गांधी ने ट्वीट में लिखा कि, 'आम लोगों की जान लेकर अब इसकी मुनादी की जा रही है। घर हो, सड़क हो, ऑफिस हो कोई भी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करता।' विक्रम जोशी के बाद अब कानपुर में अपहृत संजीत यादव की हत्या। खबरों के मुताबिक पुलिस ने किडनैपर्स को पैसे भी दिलवाए और अब उनकी हत्या कर दी गई। एक नया गुंडाराज आया है। इस जंगलराज में कानून-व्यवस्था गुंडों के सामने सरेंडर कर चुकी है।'
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क्या है पूरा मामला
कानपुर में बीते 22 जून को लैब टेक्नीशियन संजीत यादव का उसके दोस्तों ने ही अपहरण किया था। शुक्रवार को खुलासा हुआ कि उन्होंने अपहरण के चौथे दिन यानि 26 जून को ही संजीत की हत्या कर दी थी। मामले में संजीत के दो दोस्तों समेत पांच लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि संजीत का शव उन्होंने हत्या के बाद पांडू नदी में फेंक दिया था। कानपुर पुलिस ने लैब टेक्नीशियन संजीत यादव की हत्या की जनकारी गुरुवार रात परिजनों को दी। संजीत की बहन का आरोप है कि थानेदार, चौकी प्रभारी और पुलिस अधीक्षक उसके भाई की मौत के जिम्मेदार हैं।
पुलिस पर गंभीर आरोप
दरअसल, कानपुर के बर्रा थाना क्षेत्र के बर्रा-5 में रहने वाले लैब टेक्नीशियन संजीत यादव के अपहरण के बाद 29 जून को उनके परिजनों के पास फिरौती के लिए फोन आया था। अपहरणकर्ताओं ने 30 लाख रुपए फिरौती की मांग की थी। परिजन ने इसकी सूचना पुलिस को दी, जिस नंबर से अपहरणकर्ताओं ने फिरौती की मांग थी उसे पुलिस ने सर्विलांस पर लगाया था। इसके बाद भी संजीत का कहीं कुछ पता नहीं चला था। परिजन का आरोप है कि पुलिस ने किसी तरह की मदद नहीं की। यही नहीं, अपना घर और जेवरात बेचकर और बेटी की शादी के लिए जमा की गई धनराशि को इकट्ठा कर 30 लाख रुपए जुटाए थे। 13 जुलाई को पुलिस के साथ अपहरणकर्ताओ को 30 लाख रुपए देने के लिए गए थे। अपहरणकर्ता पुलिस के सामने से 30 लाख रुपए लेकर चले गए थे। 30 लाख जाने के बाद भी बेटा नहीं मिला तो, पुलिस पर परिजनों ने गंभीर आरोप लगाए थे। इस घटना के बाद एसएसपी ने बर्रा इंस्पेक्टर रणजीत राय को निलंबित कर दिया था।
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