कानपुर एनकाउंटर: सामने आई पुलिसकर्मियों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, मारी गई थी आठ से 10 गोलियां
कानपुर। चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में 2 जुलाई की रात दबिश देने गई पुलिस टीम पर विकास दुबे और उसके गैंग ने हमला बोल दिया था। इस हमले में सीओ समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए। शहीद हुए पुलिसकर्मियों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आ गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, विकास दुबे गैंग ने पुलिसकर्मियों के सिर, चेहरे, हाथ, पैर, सीने और पेट गोलियां मारी थी। फिलहाल यूपी पुलिस ने विकास की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ सहित करीब 100 टीमें लगाई है, जो संभावित स्थानों पर छापेमारी कर रही हैं।
सामने आई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट
इसी बीच शहीद हुए पुलिसकर्मियों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी सामने आ गई है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिपाही सुल्तान को दो गोलियां मारी गईं। अन्य पुलिसकर्मियों को आठ से दस गोलियां मारी गईं, जिससे उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टरों की मानें तो पुलिसकर्मियों के शरीर से मिली गोलियां रायफल हैं। फिलहाल गोलियों के टुकड़ों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा।
सिर, चेहरे, सीने और पेट में मारी गोलियां
पुलिसकर्मियों के शरीर पर गोलियों के निशान देखकर पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर भी दंग रहे गए। दरअसल, विकास दुबे और उसके गैंग के सदस्यों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाई थी, जो उनके सिर, चेहरे, हाथ, पैर, सीने और पेट में लगीं थी। सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्र के चेहरे पर एक गोली लगने से वाइटल ऑर्गन बाहर आ गया और उन्होंने तुरंत दम तोड़ दिया। डॉक्टरों के अनुसार, यही हाल अन्य पुलिसकर्मियों का भी हुआ होगा। ज्यादातर गोलियां शरीर के पार हो गईं। तीन पुलिसकर्मियों के शरीर में गोलियों के टुकड़े जरूर मिले जो हड्डियों से टकराने से कई टुकड़ों में बंट गए। गोलियां रायफल की बताई जा रही हैं।
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चार डिप्टी सीएमओ और आठ डॉक्टरों ने किया पोस्टमॉर्टम
सीएमओ डॉ. अशोक कुमार शुक्ला के निर्देश पर चार डिप्टी सीएमओ, आठ डॉक्टरों व तीन वीडियोग्राफर की टीम शहीद पुलिसकर्मियों के पोस्टमॉर्टम में रही। इनमें डिप्टी सीएमओ डॉ. एपी मिश्र, डॉ. एसके सिंह, डॉ. अवधेश गुप्ता, डॉ. अरविंद यादव के निर्देशन में डॉ. विपुल चतुर्वेदी, डॉ. बीसी पाल, डॉ. परवीन सक्सेना, डॉ. राहुल कुमार वर्मा, डॉ. जीएन द्विवेदी, डॉ. शैलेंद्र कुमार और डॉ. धीरेंद्र कुमार ने पोस्टमॉर्टम किया। इस दौरान वीडियोग्राफी भी की गई।
मुठभेड़ में शहीद हुए थे पुलिसकर्मियों
- वेंद्र कुमार मिश्र, सीओ बिल्हौर
- महेश यादव, एसओ शिवराजपुर
- अनूप कुमार, चौकी इंचार्ज मंधना
- नेबूलाल, सब इंस्पेक्टर शिवराजपुर
- सुल्तान सिंह, कांस्टेबल थाना चौबेपुर
- राहुल, कांस्टेबल बिठूर
- जितेंद्र, कांस्टेबल बिठूर
- बबलू, कांस्टेबल बिठूर
पुलिस के भेदिए ने मरवा दिए अपने ही आठ साथी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने करीब पांच सौ मोबाइल फोन नंबर सर्विलांस पर लगाए था। विकास दुबे के फोन की कॉल डिटेल में कुछ पुलिसवालों के नंबर भी सामने आए हैं। ये बेहद हैरान करने वाला तथ्य है। इस वारदात के पीछे विभाग के भेदिए ने गहरी साजिश रची है। उसने अपने साथियों को मौत के घाट उतरवाने में शातिर अपराधी और उसके गिरोह की मदद की है। डीजीपी का कहना है कि इस बिन्दु पर भी पूरी गम्भीरता के साथ जांच कराई जाएगी। घटना का सबसे बड़ा पहलू ही यही है कि पुलिस की दबिश से लेकर उसके मूवमेंट तक के पल-पल की खबर विकास दुबे और उसके गिरोह के पास पहुंच रही थी।
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