शहीद SO महेश यादव ने थाने में की थी आखिरी फोन कॉल, कहा- गोलियां चल रही हैं, हम फंस गए हैं....
कानपुर। चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में 2 जुलाई की रात विकास दुबे के साथ हुई मुठभेड़ में आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए। शहीद हुए पुलिसकर्मियों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, उनके सिर, चेहरे, हाथ, पैर, सीने और पेट में गोलियां लगी थी। इन्हीं में से एक रायबरेली जिले के रहने वाले और शिवराजपुर थाने में तैनात महेश यादव भी थे। पता चला है कि जब अपराधियों ने गोलियां चलानी शुरू कर दी थी तो बीच एनकाउंटर महेश यादव की एक फोन कॉल ने बाकी पुलिसकर्मियों की जान बचाई।
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गोलियां चल रही हैं...अब बचना मुश्किल है..
दरअसल, एसओ महेश यादव ने गोलियों से बचते हुए किसी तरह थाने कए एएसआई को फोन किया और कहा कि बदमाशों ने हम लोगों को घेर लिया है। चारों तरफ से गोलियां चल रही हैं...अब बचना मुश्किल है। जल्द फोर्स भेजें। इसी फोन कॉल के बाद भारी पुलिस फोर्स और आधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस फोर्स पहुंचने से अन्य कई पुलिसकर्मियों की जान बच सकी। बता दें कि विकास दुबे के घर दबिश देने वाली टीम में महेश यादव सबसे आगे थे। हमला होते ही उन्होंने मोर्चा लेने की कोशिश की, लेकिन बदमाशों की फायर पावर के आगे एक-एक कर पुलिसकर्मी गिरने लगे। इस दौरान किसी तरह से महेश यादव घर के एक कमरे में छिपे, यहीं से उन्होंने थाने के एसएसआई को फोन कर घटना की जानकारी दी।
पुलिसकर्मियों ने मोर्चा लेने की कि थी कोशिश
पुलिसकर्मियों को ऐसे हमले की न तो जानकारी थी और न ही अंदेशा। एकाएक हुई फायरिंग के बीच सीओ देवेंद्र मिश्र और एसओ महेश यादव के अलावा अन्य पुलिसकर्मियों ने मोर्चा लेने का प्रयास किया। लेकिन उनकी उंगलियां असलहों के ट्रिगर पर नहीं थीं। जब सामने से अंधाधुंध गोली चली तो पुलिसकर्मियों ने असलहे निकालकर जवाबी फायरिंग की मगर बदमाश इतनी अधिक संख्या में थे कि पुलिसकर्मी कम पड़ गए।
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घायल होकर गिरे एसओ, पीठ कर दी छलनी
शिवराजपुर एसओ महेश यादव गोली लगते ही गिर गए थे। इसके बाद बदमाश वहां पहुंचे और औंधे मुंह पड़े महेश की पीठ पर दर्जनों गोलियां दागकर छलनी कर दिया। मौत होने के बाद शव को सिपाहियों के शव के ऊपर लाद दिया। पुलिस अधिकारियों को पांच शव एक के ऊपर एक रखे मिले थे।
विकास दुबे सहित 35 पर लोगों पर FIR
आठ पुलिसकर्मियों की शाहदत के बाद विकास दुबे और उसके साथियों की धर-पकड़ तेज हो गई हैं। आपको बता दें कि कानपुर में इस मुठभेड़ के बाद विकास दुबे यूपी पुलिस का मोस्ट वॉन्टेड बन गया है। साथ ही विकास सहित 35 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है। हत्या, लूट, 7 सीएलए, सरकारी कार्य में बाधा सहित कई धाराओं में ये मुकदमा दर्ज किया गया है। यह एफआईआर चौबेपुर थाने में दर्ज हुई है। उधर लखनऊ में विकास दुबे के घर पर छापेमारी में विकास के भाई की पत्नी के पास लाइसेंसी रिवाल्वर मिली है। इस रिवाल्वर के लाइसेंस की पुलिस जांच कर रही है।
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