क्या पहले से थी विकास दुबे को पुलिस दबिश की जानकारी, एकाएक घर की छत से की थी फायरिंग
कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के चौबेपुर थाना क्षेत्र के विकरू गांव में पुलिस टीम पर हमले और सीओ समेत 8 पुलिसकर्मियों की शहादत पर पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया। इस हमले में सात पुलिसकर्मी भी घायल हुए है, जिन्हें इलाज के लिए रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं, दूसरी तरफ ऐसी खबरें भी सामने आ रही है कि हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पुलिस दबिश की भनक पहले से ही थी। यही वजह रही पुलिस के पहुंचते ही फायरिंग शुरू हो गई। उससे प्रतीत हो रहा है कि पहले से ही पूरी तैयारी कर ली गई थी। फिलहाल गांव में सर्च ऑपरेशन करके पुलिस हमलावरों को पकड़ने का प्रयास कर रही है।
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ताबड़तोड़ शुरू की फायरिंग
जानकारी के मुताबिक, चौबेपुर के विकरू गांव में, बिठूर और चौबेपुर से पुलिस फोर्स लेकर आधी रात सीओ बिल्हौर हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के यहां दबिश देने गए थे। इस दौरान तीन पुलिस टीमें बनाई गई थी। पुलिस ने विकास के घर को चारों तरफ से घेर लिया और दरवाजा तोड़कर बदमाशों को पकड़ने का प्रयास कर ही रही थी कि विकास के साथ मौके पर मौजूद आठ-दस बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। हमला होने पर एक टीम पीछे हटकर बैकअप करने लगी।
सीओ को खींचकर मारी सिर में मारी गोली
वहीं दो टीम के सदस्यों ने आगे बढ़कर मोर्चा लिया। बताया जा रहा है कि आगे बढ़ रहे सीओ ने एक घर के अंदर घुसकर मोर्चा लेने की कोशिश की तो बदमाशों ने उन्हें खींच लिया और उनके सिर पर गोली मार दी। इसी तरह सिपाहियों को पकड़कर लिया और पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया।
अचानक हुए हमले से पुलिस कुछ समझ ही नहीं पाई
गोली लगने से घायल बिठूर एसओ कौशलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि देर रात को चौबेपुर थानाक्षेत्र के बिकरू गांव निवासी विकास दुबे के घर पर पुलिस टीम दबिश देने गई थी। विकास दुबे को पकड़ने का प्रयास पुलिस टीम कर ही रही थी कि विकास के साथ मौके पर मौजूद आठ-दस बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। पुलिसकर्मी जब तक कुछ समझ पाते गोली मेरी जांघ और हाथ पर लग गई। इसके अलावा दरोगा सुधाकर पांडेय, सिपाही अजय सेंगर, अजय कश्यप, चौबेपुर थाने का सिपाही शिवमूरत और होमगार्ड जयराम पटेल घायल हो गए। इसके बाद अपराधी मौके से भाग निकले।
शायद दबिश की जानकारी पहले से थी
एनकाउंटर से जुड़ी एक अहम जानकारी सामने आ रही है। पता चला है कि विकास दुबे को शायद पुलिस की दबिश की पहले से जानकारी थी। खुद डीजीपी का कहना है कि गांव में पुलिस की गाड़ियों को रोकने के लिए रास्ते पर जेसीबी मशीनें रख दी गई थीं। इससे साफ है कि पुलिस दबिश की जानकारी पहले से हो गई थी। यही वजह रही पुलिस के पहुंचते ही फायरिंग शुरू हो गई।
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