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Kanpur Encounter: CO के चेहरे-सीने पर पिस्टल सटा कर मारी गोली, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हुआ खुलासा

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कानपुर। कानपुर के चौबेपुर थानाक्षेत्र के बिकरु गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में आरोपित हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है। घटना को 72 घंटे से ज्यादा का समय बीत चुका है। उधर, पुलिस की गिरफ्त में आए विकास के गुर्गों से नए-नए खुलासे हो रहे हैं। हमलावरों ने पुलिस टीम पर तमंचों के साथ एके-47 से भी गोलियां बरसाई थीं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि दारोगा अनूप को सबसे ज्यादा सात गोलियां मारी गईं। वहीं, सीओ देवेंद्र मिश्रा के चेहरे, सीने और पैर पर सटाकर गोली मारी गई। उनका भेजा और गर्दन का हिस्सा उड़ गया था। उनके पैर और कमर पर कुल्हाड़ी या धारदार हथियार से वार के निशान मिले थे।

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जवानों के शरीर से मिले कारतूस के टुकड़े

जवानों के शरीर से मिले कारतूस के टुकड़े

रीजेंसी अस्पताल में एक्स-रे से पहले शहीद सिपाही जितेंद्र पाल की बॉडी से एके-47 की एक गोली बरामद हुई है। पीएम रिपोर्ट में सामने आया कि चार जवानों के शरीर से गोलियां आर-पार निकल गई थीं। अन्य चार जवानों के शरीर से 315 और 312 बोर के कारतूस के टुकड़े बरामद हुए हैं। पुलिस के मुताबिक, सिपाही जितेंद्र पाल के पैर, हाथ, सीने, कमर में पांच गोलियां मारी गई थीं। दो गोलियां आर-पार निकल गई थीं। चौकी प्रभारी अनूप सिंह को सात गोलियां मारी गई थीं। उनके सीने, पैर और बगल में गोली लगी थी। थाना प्रभारी महेश के चेहरे, पीठ और सीने पर पांच गोली और दारोगा नेबूलाल के चार गोलियां लगी थीं। पीएम रिपोर्ट के मुताबिक, थाना प्रभारी महेश यादव, दारोगा नेबूलाल, मंधना चौकी प्रभारी अनूप सिंह और सिपाही जितेंद्र पाल के शरीर से ही गोलियां और उनके टुकड़े बरामद हुए हैं। सीओ देवेंद्र मिश्रा, सिपाही राहुल, बबलू और सुल्तान के शरीर से बुलेट नहीं मिली। शवों से बरामद हुए कारतूस और उनके टुकड़ों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।

तीन दिशाओं से हो रही फायरिंग में नहीं मिला संभलने का मौका

तीन दिशाओं से हो रही फायरिंग में नहीं मिला संभलने का मौका

पुलिस के मुताबिक, जब टीम हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के घर दबिश देने पहुंची थी, उस समय वहां पर करीब सौ बदमाश पहले से मौजूद थे। पुलिस के वहां पहुंचते ही सभी बदमाशों ने एक साथ हमला किया। एके-47 समेत कई आटोमेटिक हथियारों से फायरिंग की गई। हमले के जवाब में पुलिस की तरफ से महज 51 राउंड ही गोलियां चलीं। पुलिस ने बताया कि तीन थानों की फोर्स, पर्याप्त असलहा व कारतूस होने के बावजूद तीन दिशाओं से हो रही ताबड़तोड़ फायरिंग से किसी को संभलने का मौका तक नहीं मिला और आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए।

विकास दुबे की तलाश में जुटी हैं पुलिस की टीमें

विकास दुबे की तलाश में जुटी हैं पुलिस की टीमें

बता दें, विकास दुबे की तलाश में प्रदेश भर में करीब सौ टीमें लगी हैं। अभी तक उसकी कुछ भनक तक नहीं लगी है। औरैया में रविवार सुबह एक लावारिस कार मिली। यह कार किसी अमित दुबे के नाम से रजिस्टर्ड है। इस वाहन पर लखनऊ का नंबर दर्ज है। बताया जा रहा है कि अमित दुबे लखनऊ व्यापार मंडल का अध्यक्ष एवं आरएसएस का सक्रिय पदाधिकारी है। कानुपर में भी एक साथ तीन लग्जरी गाड़ियां लावारिस हालत में मिलने के बाद पुलिस सक्रिय हो गई है।

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English summary
Kanpur Encounter Circle Officer Devendra Mishra autopsy report
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