ब्रीदिंग एक्सरसाइज से मिली कोरोना से लड़ने की ताकत
कानपुर, मई, 24। 15 अप्रैल को श्यामनगर कानपुर निवासी रेखा जौहरी, उनके पुत्र उमंग जौहरी और बहू सोनम तीनों की कोविड-19 रिपोर्ट पॉजिटिव आयी। घर में केवल यही तीन लोग रहते हैं। रेखा जौहरी में बहुत ज्यादा लक्षण दिखे, जबकि उमंग और सोनम को केवल जुकाम-बुखार था। ऐसे समय में पड़ोसी ही एक मात्र सहारा थे। उनके पड़ोसियों ने शुरु के एक हफ्ते तक भोजन की पूरी व्यवस्था की।
डॉक्टर ने तीनों को होम क्वारंटाइन में रहने की सलाह दी। लेकिन ये पंद्रह दिन इस परिवार के लिए बेहद कठिन थे। इस कठिन दौर में सोनम को चार दिन के अंतराल में दो बुरी खबरें मिलीं। फर्रुखाबाद में रहने वाले उनकी माता और पिता की कोविड से मृत्यु हो गई। इस बेहद कठिन समय में तनाव के कारण तबीयत बिगड़ना भी लाज़मी था।
आंखों में गम के आंसू भले ही थे, लेकिन तीनों ने हिम्मत नहीं हारी। दवाओं के साथ सुबह शाम श्वास संबंधी व्यायाम को जारी रखा। और जब-जब लगता था कि तबियत बिगड़ रही है या ऑक्सीजन लेवल नीचे जा रहा है, तब-तब ब्रीदिंग एक्सरसाइज के तौर पर ऊँ का उच्चारण राम बाण साबित होता। रेखा जौहरी बताती हैं कि इससे न केवल उनका स्वास्थ्य बेहतर हुआ, बल्कि एक मानसिक शक्ति का अभास भी हुआ।
वनइंडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि योग, ब्रीदिंग एक्सरसाइज ही एक मात्र वजह थी, कि कई बार ऐसा हुआ कि ऑक्सीमीटर में ऑक्सीजन लेवल नीचे दिख रहा था, फिर भी उन्हें कोई दिक्कत नहीं महसूस हो रही थी।
हम सभी जानते हैं कि ऊँ का उच्चारण योग का अभिन्न अंग है। ऐसा इसलिए क्योंकि ऊँ के उच्चारण से शरीर में एक अलग प्रकार की ऊर्जा का प्रवाह होता है जिससे हदृय, फेफड़े और मस्तिष्क ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं। कानपुर की 68 वर्षीय रेखा जौहरी ने इसी पद्धति का उपयोग कोरोना से लड़ने में किया। वो बताती हैं कि ऊँ के उच्चारण से उनमें इस बीमारी से लड़ने के लिए अलग ही ताकत आ जाती थी।
ऊँ
से
जुड़ा
वैज्ञानिक
तथ्य
ऊँ
का
संधि
विच्छेद
करें
तो
हमें
ओ+उम
मिलता
है।
ओ
से
शुरु
करते
हैं,
तो
पेट
और
हृदय
में
ऊर्जा
प्रवाहित
होती
है
और
उम
का
उच्चारण
मस्तिष्क
को
सक्रिय
करता
है।
और
इन
दोनों
के
बीच
कंठ
यानी
गले
में
ऊर्जा
प्रवाहित
होती
है
और
इस
पूरी
प्रक्रिया
में
जब
आप
गहरी
सांस
लेने
के
बाद
ऊँ
का
उच्चारण
करते
हैं
तो
फेफड़ों
में
अधिक
मात्रा
में
ऑक्सीजन
पहुंचने
से
उनकी
क्षमता
बढ़ती
है।