गैंगस्टर विकास दुबे के भाई और पत्नी समेत 9 लोगों पर FIR दर्ज, फर्जी दस्तावेजों से सिम और शस्त्र लेने का आरोप
कानपुर। खबर उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से है। यहां 2 जुलाई की रात बिकरु गांव में सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गई थी। पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोप व मुठभेड़ में मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे के परिवार व उसके सहयोगियों के खिलाफ अब पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। पुलिस ने एसआईटी की एक रिपोर्ट के आधार पर फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर सिम और शस्त्र लाइसेंस लेने के आरोप में विकास दुबे की पत्नी और भाई समेत नौ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
कानपुर शूटआउट की जांच कर रही एसआईटी ने जांच के दौरान पाया था कि गैंगस्टर विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे समेत कई अन्य लोगों ने फर्जी आईडी पर सिम ले रखे हैं। साथ ही जांच में फर्जी शस्त्र लाइसेंस का भी मामला सामने आया था। जिसमें विकास दुबे के भाई दीपक दुबे, उनकी पत्नी अंजलि दुबे और अन्य लोगों के शस्त्र लाइसेंस में पाया गया कि फर्जी स्टांप दाखिल कर शस्त्र लाइसेंस बनवाए गए हैं। एसआईटी अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप चुकी है। शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन ने गैंगस्टर के परिवार पर शिकंजा कसा है।
इन
लोगों
पर
हुआ
मुकदमा
बिकरु
कांड
में
फर्जी
दस्तावेजों
पर
लिए
गए
सिम
और
शस्त्र
लाइसेंसों
के
मामले
में
पुलिस
ने
गैंगस्टर
के
पिता
रामकुमार
दुबे,
भाई
दीप
प्रकाश
उर्फ
दीपू
दुबे,
बहू
अंजली
दुबे,
विष्णुपाल
उर्फ
जिलेदार,
अमित
उर्फ
छोटे
बउवा,
दिनेश
कुमार,
रवीन्द्र
कुमार,
अखिलेश
कुमार,
आशुतोष
त्रिपाठी
के
ऊपर
मुकदमा
पंजीकृत
किया
है।
तो
वहीं,
फर्जी
दस्तावेज
पर
लिए
गए
सिम
कार्ड
के
मामले
में
विकास
दुबे
की
पत्नी
ऋचा
दुबे,
विकास
दुबे
के
साथी
राम
सिंह,
मोनू,
शिव
तिवारी
उर्फ
आशुतोष
त्रिपाठी,
शांति
देवी,
अपराधी
अमर
दुबे
की
पत्नी
खुशी
दुबे,
रेखा
अग्निहोत्री,
विष्णुपाल
उर्फ
जिलेदार
और
दीपक
उर्फ
दीप
प्रकाश
के
खिलाफ
मुकदमा
पंजीकृत
किया
है।