बेटे को पीठ पर लादकर पिता अस्पताल में मांगता रहा स्ट्रेचर, आखिर में हांफते-हांफते गिरा
Kanpur news, कानपुर। कानपुर के हैलट अस्पताल में एक बार फिर मानवीय संवेदना तार-तार हो गई। स्ट्रेचर-व्हील चेयर नहीं मिलने पर बीमार बेटे को पीठ पर लादकर पिता एक काउंटर से दूसरे काउंटर दौड़ता रहा। एक्स-रे काउंटर पर वह हांफकर गिर पड़ा। रावतपुर निवासी सुरेन्द्र सिंह अपने 28 वर्षीय बेटे विक्की को ऑर्थोपेडिक सर्जरी ओपीडी में दिखाने आए थे। विक्की दोनों पैरों की नसों में गम्भीर तकलीफ के चलते खड़ा नहीं हो पा रहा है। ई-रिक्शा से उसे जैसे-तैसे अस्पताल ले आए। ओपीडी में एक्स-रे जांच के लिए लिखा गया। वहां से एक्स-रे रूम काफी दूर है। सुरेन्द्र का कहना है कि ओपीडी में स्ट्रेचर या व्हील चेयर मांगने गए तो बताया गया कि इमरजेंसी में मिल जाएगा।
इमरजेंसी में पहुंचे तो वार्ड ब्वॉय ने स्ट्रेचर उपलब्ध कराने के एवज में 200 रुपए जमानत राशि मांगी। उसने स्ट्रेचर नहीं दिया तो बेटे को पीठ पर लाद लिया और एक्स-रे रूम ले आए। पिता यहां तक लाने में हांफने लगा। एक्स-रे रूम के अंदर ले जाने के लिए मैटर्न कार्यालय में स्ट्रेचर लेने गए तो मैटर्न ने 200 रुपए जमा करने या मोबाइल बतौर जमानत रखने की बात कही। सुरेन्द्र का कहना है कि एक महिला ने मदद की। उसने अपने साथ के मरीज को जमीन पर लिटा दिया और स्ट्रेचर दिया। इसके बाद वह जांच करा पाए। वहां से दोबारा बेटे को पीठ पर लादकर ओपीडी लौटे। इस बारे में हैलट के डॉक्टरों ने बताया कि पर्याप्त संख्या में स्ट्रेचर व व्हील चेयर ओपीडी इमरजेंसी में उपलब्ध कराए गए हैं। संभव है उस समय स्ट्रेचर उपलब्ध नहीं रहा हो। वैसे जमानत राशि लेने का कोई नियम नहीं है। इस बारे में मैटर्न से पूछा जाएगा।
एम्बुलेंस
से
नहीं
मिलती
मदद
हैलट
इमरजेंसी
के
बाहर
अस्पताल
की
ओर
से
मरीजों
की
मदद
के
लिए
एम्बुलेंस
खड़ी
की
गई
है।
इससे
मरीज
को
हैलट
इमरजेंसी
से
न्यूरोसाइंस
सेंटर,
बाल
रोग,
अपर
इंडिया,
संक्रामक
रोग
अस्पताल,
कार्डियोलॉजी,
चेस्ट
अस्पताल,
कैंसर
संस्थान
तक
मुफ्त
पहुंचाने
की
हिदायत
दी
गई
है।
अगर
मरीज
को
जांच
के
लिए
मेडिकल
कॉलेज
भी
जाना
है
तो
मदद
ले
सकता
है,
मगर
इसकी
मदद
नहीं
मिली
है।