पहाड़ और रेगिस्तान में भी दुश्मनों को ध्वस्त करने में सक्षम है 'धनुष', ये हैं इसकी खूबियां
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कानपुर। भारतीय सेना बोफोर्स तोप से भी अधिक मारक क्षमता वाली स्वदेशी तोप 'धनुष' से लैस होने जा रही है। कानपुर की फील्ड गन फैक्ट्री ने बोफोर्स तोप से ज्यादा दूर तक मार करने वाली धनुष तोप तैयार की है। इस तोप की सबसे खास बात ये है कि ये पूरी तरह से मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत बनी है और पूरी तरह से स्वदेशी है। बता दें कि धनुष तोप को राजस्थान के सीमावर्ती इलाके की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया है।
38 किलोमीटर तक गोला फेंक सकती है धनुष
करगिल में अपना लोहा मनवाने वाली बोफोर्स तोप, जिसकी मारक क्षमता 28 किलोमीटर थी, अब इससे ज्यादा 38 किलोमीटर की दूरी पर दुश्मनों पर गोला फेंकने का काम धनुष करेगी। धनुष तोप की बैरल बोफोर्स की तुलना में 877 मिलीमीटर अधिक बड़ी है। सेमी आटोमेटिक स्वभाव के कारण अगर ये एक एक करके 30 सेकेण्ड के अन्तराल से लगातार गोले दाग सकती है, लेकिन इसे बस्ट मोड में चलाया जाय तो पन्द्रह सेकेण्ड के भीतर तीन गोले दुश्मन की छाती पर जा गिरेगें। मारक क्षमता के मामले में ये बोफोर्स से कई किलोमीटर आगे है।
इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस सिस्टम से अपडेट है धनुष
इस देशी बोफोर्स की सबसे अहम बात यह भी है कि इसमें एक भी विदेशी पुर्जा नहीं लगाया गया है। स्वीडन से आयातित बोफोर्स जहां मैनुअल पद्धति से काम करती थी, वहीं धनुष इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस सिस्टम से अपडेट होगा। धनुष की लक्ष्य पर निशाना साधने की क्षमता भी बोफोर्स से 25 प्रतिशत बेहतर है यानि जिस टारगेट पर पहला गोला गिरेगा, दूसरा और तीसरा गोला भी वहीं गिरेगा। बस्ट मोड में भी गोले दागे जाने पर ये अपने निशाने से चूकेगी नहीं।
114 धनुष तोप सौंपी जायेगी सेना को
महाप्रबंधक अनिल कुमार ने बताया कि दोनों बैरलों को डायरेक्टर जनरल क्वालिटी एश्योरेंस (डीजीक्यूए) से 29 मई को अप्रूवल मिला था। उन्होंने बताया कि इस साल न्यूनतम 18 बैरल बनाकर सेना को देने का लक्ष्य है। 2022-23 तक सेना को 114 धनुष तोप सौंपी जानी है, 300 और तोपों के आर्डर के लिए आयुध निर्माणी बोर्ड ने प्रयास शुरू कर दिये हैं। बता दें कि धनुष तोप स्वीडिश तोप बोफोर्स का स्वदेशी उन्नत संस्करण है। इसमें लगे 100 फीसदी कलपुर्जे स्वदेशी हैं।
हर मौसम किया गया है परीक्षण
सेना की ओर से हर मौसम के अनुसार इसके सभी परीक्षण किए जा चुके हैं। जिसमें यह तोप खरी उतर चुकी है। सेना के हर मानक को पूरा करने वाली धनुष तोप को जल्द ही सेना में शामिल कर लिया जाएगा। यह तोप देश की सरहद वाले क्षेत्रों में इस्तेमाल में लाई जाएंगी। इससे पहले गन बैरल सेक्शन में नारियल फोड़कर और मंत्रोच्चार के बाद इसे रवाना किया गया।
इन खासयितों से लैस है धनुष
नेवीगेशन आधारित साइटिंग सिस्टम, ऑटो लेइंग सुविधा, ऑनबोर्ड बैलिस्टिक गणना और दिन-रात में सीधी फायरिंग की सुविधा, बॉल बैग और बाई माड्यूलर सिस्टम दोनों का इस गन में प्रयोग किया गया है। जिससे इसकी रेंज बढ़ गई है। सेल्फ प्रोपल्शन टीम इसे आसानी से शिफ्ट भी कर सकती है।