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कम उम्र में ही मोनू पहाड़ी ने रखा था अपराध की दुनिया में कदम, अपराधी भी कांपते थे उसके नाम से

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कानपुर। इटावा जिला जेल में वर्चस्व को लेकर हुए संघर्ष में कानपुर के डी-2 गैंग से जुड़े कुख्यात हिस्टीशीटर मोनू पहाड़ी की मौत हो गई है। मोनू पहाड़ी की मौत की खबर मिलते ही कानपुर जिले के शहरवारियों और पुलिस ने राहत की सांस ली। वहीं, कई अपराधियों की भी दहशत कम हुई है। दरअसल, मोनू पहाड़ी के नाम से कई अपराधी भी कांपते थे, कहा जाता था कि मोनू जरा-जरा सी बात पर गोली मार देता था।

कई बड़े अपराधियों से थी रंजिश

कई बड़े अपराधियों से थी रंजिश

कानपुर जिले के दलेलपुरवा में रहने वाले 40 वर्षीय मोनू पहाड़ी ने कम उम्र में ही अपराध की दुनिया में कदम रख दिया था। अपराध की दुनिया में वर्चस्व कायम करने के लिए मोनू पहाड़ी की कई अपराधिरयों से रंजिश चलती थी। वहीं, कई अपराधी उसके नाम से कांपते थे। मोनू पहाड़ी की मुस्लिम बाहुल इलाकों समेत शहर में जरायम की दुनिया में दहशत कायम थी। कानपुर नगर के थानों में उसके खिलाफ हत्या, लूट समेत कई संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं और हिस्ट्रीशीट खुली है।

जरा-जरा सी बात पर चला देता था गोली

जरा-जरा सी बात पर चला देता था गोली

कहा जाता था कि मोनू जरा सी बात पर नाराज होकर तमंचे से गोली मार देता था। उससे शहर के व्यापारी भी डरते थे क्योंकि पर्ची में मांग करने के बाद यदि पूरी नहीं होती थी तो वह तुरंत हमला कर देता था। मोनू पहाड़ी को डी-2 गैंग का सक्रिय सदस्य माना जाता था। शहर में कई लूट और हत्या की घटनाओं में उसका नाम सामने आया था। कलक्टरगंज में व्यापारी से लूट की घटना हो या फिर कोचिंग मंडी में चर्चित रहे हारुन हत्याकांड का मामला, कई घटनाओं में उसकी संलिप्तता होने की बात पुलिस जांच में सामने आई थी।

मोनू पहाड़ी की खुली हुई है हिस्ट्रीशीट

मोनू पहाड़ी की खुली हुई है हिस्ट्रीशीट

पुलिस सूत्रों के अनुसार, मोनू पहाड़ी पर कानपुर के अलग अलग थानों में छह मुकदमे दर्ज होने की बात कही गई है और उसकी हिस्ट्रीशीट भी खुली है। उसे जिला मजिस्ट्रेट कानपुर देहात के द्वारा प्रशासनिक आधार पर कानपुर जेल से इटावा कारागार में 7 अक्टूबर 2016 को स्थानांतरित किया गया था। जेल अधीक्षक राज किशोर ने बताया कि मोनू पहाड़ी की मौत की जानकारी परिजनों को दी गई है।

मोनू ने कानपुर जेल में भी की थी मारपीट

मोनू ने कानपुर जेल में भी की थी मारपीट

पुलिस सूत्रों की मानी जाए तो अपनी हनक बनाने के लिए जेल के बाहर रहकर कई कुख्यात लोगों से झगड़ा करने के लिए चर्चित रहे मोनू पहाड़ी ने कानपुर जेल में रहते हुए भी अन्य बंदियों तथा जेल कर्मियों से झगड़ा किया था और इसके आधार पर ही जेल प्रशासन ने इस कुख्यात अपराधी को कानपुर से इटावा जेल स्थानांतरित किया था।

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English summary
criminal profile of history sheeter criminal monu pahadi
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