कानपुर: सर्दी में हाफ पैंट-शर्ट पहनाकर बच्चों से स्कूल में कराया शीर्षासन, खबर दिखाने वाले पत्रकारों पर केस
कानपुर। रविवार को उत्तर प्रदेश में यूपी दिवस मनाया गया था। उस दिन कानपुर देहात जिले के एक सरकारी स्कूल की तस्वीरें स्थानीय टीवी चैनल पर प्रसारित की गईं जिसमें छात्र-छात्राएं कड़कड़ाती सर्दी में बिना जाड़े के कपड़ों के, गर्मी में पहने जाने वाले स्कूल ड्रेस में व्यायाम और शीर्षासन करते दिखे। स्कूल के इस कार्यक्रम में डीएम, स्थानीय विधायक और प्रदेश के मंत्री भी शामिल हुए थे। टीवी चैनल पर प्रसारित वीडियो क्लिप में यह देखा गया कि बच्चे तो हाफ पैंट-शर्ट पहने शीर्षासन कर रहे हैं लेकिन बाकी सभी लोग जाड़े के कपड़ों में हैं। इस खबर में यह दिखाया गया कि बच्चे हाड़ कंपाने वाली सर्दी में ठिठुरते रहे और अधिकारी कार्यक्रम में व्यस्त रहे। अब कानपुर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की शिकायत पर तीन पत्रकारों पर केस दर्ज कर लिया है। इन पत्रकारों पर झूठी रिपोर्ट से जनता को बड़गलाने और आपराधिक धमकी देने के आरोप लगाए गए हैं। कानपुर देहात के जिन तीन पत्रकारों पर केस दर्ज किया गया है वे एक स्थानीय टीवी चैनल के लिए काम करते हैं।
रविवार को ही कानपुर देहात के डीएम दिनेश चंद्र सिंह ने कहा था कि कुछ पत्रकारों की उस खबर को देखकर मैं काफी दुखी हूं जिसमें यह कहा जा रहा है कि सर्दी में बच्चे ठिठुरते रहे। कोई भी बच्चा स्वेटर, कोट या पैंट पहनकर योगासन नहीं कर सकता। उन बच्चों ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। मैं उन बच्चों की प्रशंसा करता हूं। जिन लोगों ने इस खबर को प्रसारित किया है उनको हम तलाश रहे हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डीएम के निर्देश पर अमल करते हुए अब कानपुर देहात के तीन पत्रकारों के खिलाफ बेसिक शिक्षा अधिकारी ने केस दर्ज करा दिया है।
बेसिक शिक्षा अधिकारी सुनील दत्त ने पुलिस को दी गई शिकायत में कहा कि ये पत्रकार उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस पर आयोजित स्कूल के उस कार्यक्रम में आए भी नहीं थे और उन्होंने छात्र-छात्राओं के व्यायाम व योग करने को गलत तरीके से टीवी चैनल पर खबर बनाकर पेश किया। इस कार्यक्रम में जिलाधिकारी, मंत्री और स्थानीय विधायक मौजूद थे। पुलिस को दी गई शिकायत के मुताबिक, यह सभी जानते हैं कि योगासन और व्यायाम जाड़े के कपड़े पहनकर नहीं किए जा सकते हैं, इसके लिए ढीले कपड़ों की जरूरत होती है। शिक्षा अधिकारियों ने इसका पालन करते हुए बच्चों से जाड़े कपड़े उतारकर हल्के और ढीले कपड़े पहनने को कहा था। योगासन और व्यायाम के बाद सभी बच्चों ने फिर गर्म कपड़े पहन लिए थे।