नाबालिग निकली अमर दुबे की विधवा खुशी दुबे, पुलिस ने साजिशकर्ता बताकर भेजा था जेल
कानपुर। बिकरू गांव में 2 जुलाई की रात हुए शूटआउट में जेल भेजी गई नवविवाहिता खुशी दुबे (अमर दुबे की पत्नी) को लेकर एक बार फिर नया मोड़ आ गया है। जिसमें कानपुर पुलिस की मुसीबतें भी बढ़ सकती है। दरअसल, एनकाउंटर में मारे गए अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे को कानपुर देहात के किशोर न्याय बोर्ड ने नाबालिग माना है। बोर्ड ने 2 जुलाई को हुई घटना के दिन खुशी की उम्र 16 साल 10 महीने 12 दिन मानी है। यानी वह नाबालिग है। हालांकि, कानपुर पुलिस खुशी दुबे को बालिग दिखाकर जेल भेज चुकी है और पिछले दो महीने से जेल में बंद है।
खुशी दुबे के वकील ने 16 साल 10 माह बताई थी उम्र
दरअसल, खुशी के पिता श्यामलाल तिवारी के वकील की ओर से एक प्रार्थना पत्र न्यायाधीश दस्यु प्रभावित क्षेत्र (एंटी डकैती कोर्ट) में दाखिल किया गया था। जिस पर 13 अगस्त को सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित क्षेत्र (एंटी डकैती कोर्ट) ने खुशी की आयु निर्धारण के लिए फाइल बोर्ड को स्थानांतरित करने के निर्देश दिए थे। खुशी के अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित का कहना था कि खुशी की उम्र लगभग 16 वर्ष 10 माह है। शैक्षिक प्रमाण पत्रों से इसकी पुष्टि भी होती है।
कोर्ट ने खुशी दुबे को माना नाबालिग
किशोर होने के बावजूद पुलिस ने खुशी को एक माह से जेल में रखा है। इस पर उन्होंने एंटी डकैती कोर्ट में खुशी को किशोर घोषित करने के लिए अर्जी दाखिल की। वहीं अब खुशी बालिग है या किशोर, इसका फैसला किशोर न्याय बोर्ड करेगा। लंबी सुनवाई के बाद 1 सितंबर को कानपूर देहात के किशोर न्याय बोर्ड ने अपने आदेश में खुशी को नाबालिग माना है। तो वहीं, खुशी के अधिवक्ता ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि अब हम उसकी जमानत की अपील करेंगे। पुलिस ने गलती की है, उसको गलती सुधारनी चाहिए।
21 अगस्त 2003 में हुआ था खुशी का जन्म
खुशी के अधिवक्ता ने बताया कि शैक्षिक प्रमाण पत्रों के आधार पर खुशी का जन्म 21 अगस्त 2003 को हुआ था। उम्र की पुष्टि के लिए हाईस्कूल का प्रमाण पत्र व अन्य शैक्षिक प्रमाण पत्र भी पेश किए। इसके आधार पर बोर्ड ने खुशी को नाबालिग मान लिया और फैसला सुनाते हुए कहा कि प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों के आधार पर खुशी की उम्र लगभग 16 वर्ष 10 माह है। आपको बता दें कि खुशी को पुलिस गैंगस्टर विकास दुबे का सहयोगी बताकर जेल भेज चुकी है। फिलहाल वह कानपुर देहात की जेल में बंद है।
विकास दुबे का दाहिना हाथ था अमर दुबे
बता दें कि अमर दुबे, गैंगस्टर विकास दुबे का सहयोगी था। पुलिस ने उसे हमीरपुर जिले में मार गिराया था। अमर को विकास दुबे का दाहिना हाथ माना जाता था। अमर दुबे की शादी उसके एनकाउंटर से तीन दिन पहले 29 जून को ही हुई थी। अमर की शादी को अभी तीन दिन ही हुए थे कि बिकरू कांड हो गया था। बिकरू कांड के बाद अमर दुबे की पत्नी खुशी भागकर अपने मायके चली गई थी। पुलिस ने उस पर भी इस जघन्य कांड में संलिप्तता का आरोप लगा मामला दर्ज किया था। इससे पहले एनकाउंटर में मारे गए प्रभात मिश्रा को भी उसके परिवार वालों ने नाबालिग बताकर उसकी मार्कशीट दिखाई थी। बाद में कानपुर पुलिस ने दावा किया था कि प्रभात बालिग था। उसकी दो मार्कशीट थी। नकली मार्कशीट में उसने अपनी उम्र कम दिखाई थी, जबकि असली मार्कशीट में वो बालिग था।
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