शोपियां आतंकी हमले में शहीद रोहित कुमार के घर पहुंचे अखिलेश, परिजनों से की मुलाकात
Kanpur News, कानपुर। दक्षिण कश्मीर के शोपियां में गुरुवार 16 मई को हुए एनकाउंटर में सेना के जवान रोहित कुमार यादव शहीद हो गए थे। रविवार को शहीद रोहित के परिजनों से मिलने के लिए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पहुंचे। अखिलेश यादव ने लगभग 30 मिनट शहीद के परिजनों के साथ बिताए। इस दौरान शहीद के परिजनों ने अखिलेश यादव को 7 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा। जिसे अखिलेश यादवा ने पूरा करने का वादा किया।
शोपियां हमले में शहीद हुए थे रोहित कुमार
16 मई को दक्षिण कश्मीर के शोपिया में हुए एनकाउंटर में रोहित कुमार यादव शहीद हो गए थे। शनिवार को राजकीय सम्मान व गार्ड ऑफ ऑनर के साथ शहीद रोहित यादव को डेरापुर कस्बे में अंतिम विदाई दी गई। शहीद के अंतिम दर्शन को जनसैलाब उमड़ पड़ा। सभी एक स्वर में भारत माता की जय व शहीद जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे। परिजनों व मौजूद सभी लोगों ने नम आंखों से शहीद के पार्थिव शरीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
बेटे की शहादत पर गर्व
शोपिया आतंकी हमले में शहीद हुए रोहित यादव के पिता गंगा सिंह को देश की रक्षा करते हुए अपने प्राण निछावर करने वाले अपने पुत्र पर गर्व है। वहीं, भाजपा का कोई बड़ा नेता न आने पर दुःख भी जताया। उन्होंने भाजपा सरकार पर सैनिकों की जाति को देखकर भेदभाव करने का आरोप लगाया।
अखिलेश ने भाजपा पर बोला हमला
शहीद के परिजनों को सांत्वना देने आये अखिलेश यादव ने मीडिया से वार्ता करते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे उस समय शहीदों को एक एक करोड़ की मदद की थी। अब तो देश के प्रधानमंत्री है शहीदों को बिना भेदभाव केंद्र और यूपी सरकार को एक एक करोड़ की मदद करनी चाहिये।
जरूरत पड़ी तो कांग्रेस को देंगे समर्थन
आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू से हुई मुलाकात के सवाल पर कहा कि जो भी पार्टी गरीबों किसानों देश और सौहार्द की बात करती है वो सभी पार्टियां 23 मई के बाद नए प्रधानमंत्री बनाने के प्रयास में है। इसी के चलते आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू सभी विपक्षी पार्टियों से संपर्क कर रहे है और हम भी यही चाहते है कि देश को नया प्रधानमंत्री मिले। 23 मई के बाद नया प्रधानमंत्री होगा। वही कांग्रेस का समर्थन देने के सवाल पर कहा कि यहां कोई कांग्रेस को समर्थन देने की बात नहीं है अगर जरूरत पड़ी तो कांग्रेस को समर्थन दिया जायेगा।
ये भी पढ़ें:- कानपुर सीट पर क्या हैं जीत-हार के पुराने सियासी आंकड़े