कानपुर: अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा का ऐलान- लड़ेंगे खुशी दुबे का केस, दिलाएंगे न्याय
कानपुर। बिकरू कांड के बाद पुलिस मुठभेड़ में मारे गए अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे के नाबालिग घोषित होने के बाद उसे फिलहाल बाराबंकी स्थित बाल संप्रेक्षण गृह में रखा गया है। 8 पुलिसकर्मियों की हत्या की वारदात की साजिश की आरोपी खुशी दुबे के खिलाफ अब मामला किशोर न्याय बोर्ड के पास चला गया है। खुशी पर आरोप है कि उसके पास इस वारदात की योजना की जानकारी थी। अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा ने खुशी दुबे का मुकदमा लड़ने की घोषणा की है।
अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र नाथ त्रिपाठी कानपुर के कल्याणपुर स्थित घर जाकर खुशी के माता-पिता से मिले। पिता श्यामलाल तिवारी ने ब्राह्मण महासभा के प्रतिनिधियों से कहा कि उनकी बेटी निर्दोष है और उनके पास केस लड़ने की क्षमता नहीं है। इस पर राष्ट्रीय अध्यक्ष ने खुशी के परिजनों से कहा कि अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा खुशी का केस लड़ने का खर्च उठाएगी।
पिता श्यामलाल तिवारी से राजेंद्र नाथ त्रिपाठी ने कहा कि ब्राह्मण महासभा खुशी का केस लड़ेगी और उसको न्याय दिलाएगी। राजेंद्र नाथ त्रिपाठी ने इस घटना को लेकर योगी सरकार की आलोचना की। कहा कि योगी सरकार एक जाति के राजनीतिक वर्चस्व के लिए ब्राह्मण समुदाय को निशाना बना रही है। कहा कि ब्राह्मणों ने भाजपा को वोट देकर सरकार बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है, अब वही सरकार ब्राह्मणों को ये दिन दिखा रही है।
खुशी दुबे की शादी अमर दुबे से 29 जून को हुई थी। 2 जुलाई को बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने में विकास दुबे के साथ अमर दुबे भी शामिल था। अमर दुबे को एसटीएफ ने 8 जुलाई को मुठभेड़ में मार गिराया था। अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे को भी पुलिस ने आरोपी बनाकर जेल भेज दिया था। किशोर न्याय बोर्ड में चली सुनवाई में उसे नाबालिग घोषित किया गया। खुशी दुबे को इसके बाद माती जेल से बाल संप्रेक्षण गृह शिफ्ट किया गया।
बाल संरक्षण गृह भेजी गई अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे, किशोर न्याय बोर्ड ने माना था नाबालिग