अब कानपुर रेंज के 29 पुलिसकर्मियों को दिखाया गया बाहर का रास्ता, बार-बार चेतावनी के बाद भी नहीं सुधरे
कानपुर। उत्तर प्रदेश का पुलिस महकमा अपने दाग धोने में जुट गया है। इस कवायद में कानपुर मंडल के 29 पुलिसकर्मियों को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है, जिनके पिछले दस साल का सेवाकाल दागदार, भ्रष्टाचार में लिप्त या ड्यूटी में लापरवाह पाया गया है। इन 29 में तीन सब इंस्पेक्टर भी शामिल हैं। कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल ने बताया कि दागियों को छांटने और उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की प्रक्रिया अभी जारी रहेगी।
सीएम योगी के निर्देश पर हो रही कार्रवाई
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ खाकी महकमे को सुधारने के लिए फुल स्विंग में हैं। उन्होंने राज्य के सभी आईजी रेंज को निर्देश दिए कि दागी और नाकारा पुलिसकर्मियों को नौकरी से निकाला जाए। इसके लिए रेंज स्तर पर स्क्रीनिंग कमेटियां बनाई गईं। कानपुर रेंज की स्क्रीनिंग कमेटी में आईजी रेंज और एसएसपी कानपुर व एसपी कन्नौज शामिल किए गए। उन्होंने इंस्पेक्टर स्तर तक के सभी पुलिसकर्मियों के पिछले दस सालों का रिकॉर्ड खंगाला और ऐसे नामों की सूची तैयार की, जिन्हें भ्रष्टाचार, दागदार या ड्यूटी में लापरवाही दिखाने के लिए विभाग ने बार-बार दंडित किया था। ऐसी सूची 200 के पार थी। इसे शॉर्ट लिस्ट करते हुए 29 नाम छांटे गए जो तमाम चेतावनियों के बावजूद नहीं सुधरे और अपने पर्सनल ऐजेंडा पर काम करते रहे। अब इन सभी को जबरन सेवानिवृत्ति देते हुए बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।
50 से अधिक हो उम्र
यूपी पुलिस मैनुअल में आईजी को इंस्पेक्टर और एसएसपी को हेड काॅस्टेबल स्तर के पुलिसकर्मियों को सेवानिवृत्त करने का अधिकार दिया गया है। शर्त ये भी है कि उनकी आयु 50 वर्ष से अधिक हो, उनकी सत्यनिष्ठता संदिग्ध साबित हुई हो या वे शारीरिक कारणों से नौकरी करने में सक्षम न हों। इसीलिए चार पुलिसकर्मियों के नाम मेडिकल बोर्ड को भी भेजे गए हैं। ये पाया गया है कि शारीरिक अक्षमता के कारण वे रायफल तक अपने कंधे पर नहीं टांग पा रहे थे। मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट आने पर इनके बारे में निर्णय लिया जाएगा।
क्या कहते हैं आईजी कानपुर रेंज
आईजी कानपुर रेंज मोहित अग्रवाल के अनुसार, महकमे की इस कार्रवाई का किसी भी पुलिसकर्मी न तो विरोध किया है और न पुनर्विचार अपील दाखिल की है। इससे माना जा रहा है कि बाकी पुलिसकर्मी इससे सबक लेगें और अपने कार्य प्रदर्शन में सुधार लाएंगे। जिन पुलिसकर्मियों को रडार पर रखा गया है यदि वे अपना पर्सनल ऐजेंडा जारी रखते हैं और विभाग पर दाग लगाते रहते हैं तो अगली सूची में उनके नाम डाले जा सकते हैं।