STF समेत 100 टीमें तलाश रही हैं विकास दुबे को, सूचना देने वाले को 50 हजार इनाम
कानपुर। आठ पुलिसकर्मियों की शहादत के बाद हिस्ट्रीशीटर बदमाश विकास दुबे की तलाश तेज हो गई है। यूपी पुलिस ने विकास की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ सहित करीब 100 टीमें लगाई है, जो संभावित स्थानों पर छापेमारी कर रही हैं। साथ ही विकास दुबे की जानकारी देने वाले को 50 हजार रुपए का इनाम भी दिया जाएगा। इसके लिए 9454400211 भी जारी किया गया है। बता दें कि कानपुर के आईजी मोहित अग्रवाल ने इस इनाम की घोषणा की है। साथ ही कहा है कि विकास दुबे का ठिकाना बताने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा।
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विकास सहित 35 लोगों पर FIR
दरअसल, कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में गुरुवार की देर रात दबिश देने गई पुलिस टीम पर पहले से घात लगाकर बैठे विकास दुबे गैंग ने हमला बोल दिया था। इस हमले में सीओ समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए। जबकि सात पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए थे। आठ पुलिसकर्मियों की शाहदत के बाद विकास दुबे और उसके साथियों की धर-पकड़ तेज हो गई हैं। आपको बता दें कि कानपुर में इस मुठभेड़ के बाद विकास दुबे यूपी पुलिस का मोस्ट वॉन्टेड बन गया है। साथ ही विकास सहित 35 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है। हत्या, लूट, 7 सीएलए, सरकारी कार्य में बाधा सहित कई धाराओं में ये मुकदमा दर्ज किया गया है।
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विकास दुबे की तलाश में सर्च ऑपरेशन तेज
मोस्ट वॉन्टेड विकास दुबे को फरार हुए 30 घंटे से ज्यादा हो गए है। वहीं, एसटीएफ और 100 से ज्यादा टीमें उसकी तलाश में छापेमारी कर रही हैं। इसके तहत शुक्रवार को पूरी रात पुलिस टीम ने कई गांवों में छापेमारी की। साथ ही दर्जनों लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। पुलिस ने करीब पांच सौ मोबाइल फोन नंबर सर्विलांस पर लगाए हैं। पूरे बिकरू गांव में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। घटना के बाद से ही गांव और आस-पास के इलाकों में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
पनाह देने वालों पर भी कार्रवाई: डीजीपी
मामले में डीजीपी एचसी अवस्थी ने कहा कि इन अपराधियों को किसी को भी पनाह नहीं देनी चाहिए। जो भी इन्हें पनाह देगा, उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं एडीजी काननून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि कोई भी बख्शा नहीं जाएगा, कार्रवाई जारी है। एसटीएफ को भी लगाया गया है। 100 से अधिक टीमें विकास की तलाश में छापेमारी कर रही हैं।
एफआईआर के बाद रची गई खूनी साजिश
मीडिया रिपोर्ट् के मुताबिक, विकास दुबे ने यह खूनी साजिश राहुल नाम के शख्स की उस एफआईआर के बाद रची, जो गुरुवार को चौबेपुर थाने में दर्ज कराई गई थी। इस संबंध में थाने के दीवान यशवीर सिंह ने बताया कि राहुल ने विकास पर अपने ससुर लालू की जमीन जबरन अपने नाम कराये जाने की एफआईआर कराई थी। एफआईआर में उसने लिखवाया था कि विकास उसे रास्ते से जबरन अपनी गाड़ी में डालकर अपने घर ले गया था, जहां उसने मुझे मार पीटकर एक कमरे में बंद कर दिया था। किसी तरह रात में मौक़ा देखकर वो वहां से भाग आया।
राहुल के घर में नहीं था कोई मौजूद
इस घटना के बाद राहुल ने विकास के खिलाफ गुरुवार को थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। इसी मामले की जांच के लिए ही पुलिस टीम बिकरू गांव गई थी। हालांकि बिकरू गांव में पुलिस को पहले से विरोध की आशंका थी। इसलिए कई थानों की फ़ोर्स लेकर खुद सीओ देवेंद्र मिश्रा वहां गए थे। यशवीर सिंह का कहना है कि पूरे मामले की हकीकत से पुलिस वाकिफ हो गई थी। लिहाजा शिकायतकर्ता राहुल के घर पर उसकी सुरक्षा के लिए पुलिस टीम भेजी गई थी। लेकिन उसके घर पर कोई मौजूद नहीं था।