कन्नौज में ईवीएम खराब होने से कई जगह बाधित हुआ मतदान, वोटर्स में नाराजगी
Kannauj news, कन्नौज। 2019 के लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में सोमवार को 9 राज्यों की 71 लोकसभा सीटों पर मतदान हुआ। यूपी के कन्नौज में मतदान के दौरान ईवीएम मशीन में सबसे ज्यादा गड़बड़ी की सूचनाएं सामने आईं। कन्नौज के छिबरामऊ क्षेत्र के बूथ संख्या 35 और 435 पर ईवीएम में खराबी की शिकायत आई। कन्नौज के केके इंटर कालेज के बूथ नंबर 90, 91 में सरायमीरा के 250 व 251 में भी ईवीएम में दिक्कत हुई, जिसके बाद कर्मी उसे ठीक करने में जुटे। कन्नौज के ही छिबरामऊ विधानसभा के मझपुर्वा मे बूथ संख्या 444 कि ईवीएम मशीन खराब हुई।
तिर्वा में 3, छिबरामऊ में 1 जगह बदली गई ईवीएम
कन्नौज की छिबरामऊ विधानसभा 197 में ईवीएम मशीन खराब होने के कारण मतदान लेट शुरू हुआ। बूथ संख्या 455 सुभाष नगर बूथ संख्या 456 बूथ संख्या 460 बूथ संख्या 453 पर ईवीएम खराब होने के चलते मतदाता नाराज दिखे। इसी तरह से जिले की तीनों विधानसभाओं में अब तक 74 जगह ईवीएम ना चालू होने की शिकायत मिली। कन्नौज में 19, तिर्वा में 25, छिबरामऊ में 30 जगह शिकायत मिली है। तिर्वा में 3 व छिबरामऊ में 1 जगह ईवीएम बदली गई।
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कन्नौज सीट पर कांटे का मुकाबला
बता दें, उत्तर प्रदेश की कन्नौज लोकसभा सीट समाजवादी पार्टी के लिए किसी किले से कम नहीं मानी जाती है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव यहां से सांसद हैं। डिंपल यादव ने 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी सुब्रत पाठक को करीबी अंतर से हराया था। इस लोकसभा चुनाव में सपा उम्मीदवार डिंपल यादव को 4,89,164 वोट और भाजपा उम्मीदवार सुब्रत पाठक को 4,69,257 वोट मिले थे। यानी जीत का अंतर ज्यादा नहीं था। इस बार भी यहां कांटे का मुकाबला होने की उम्मीद है।
लगातार 20 सालों से सपा के कब्जे में है ये सीट
इस सीट पर गठबंधन प्रत्याशी डिंपल यादव दो बार से लगातार जीत दर्ज कर चुकी हैं। इससे पहले अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव भी इस सीट पर कब्जा जमा चुके हैं। लगातार 20 सालों से यह सीट सपा के कब्जे में है। भाजपा प्रत्याशी सुब्रत पाठक ने 2014 के चुनाव में सपा प्रत्याशी डिंपल यादव को कड़ी टक्कर दी थी। गठबंधन के बाद भाजपा ने भी दलित वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए पूरी ताकत लगा दी है।
एक बार फिर मैदान में डिंपल यादव
कन्नौज लोकसभा सीट से डिंपल यादव फिर से चुनावी मैदान में हैं। इसबार वो सपा- बसपा और आरएलडी की संयुक्त उम्मीदवार के तौर पर वहां से चुनाव लड़ रही हैं। जबकि भाजपा ने एक बार फिर से अपने पुराने प्रत्याशी सुब्रत पाठक के कंधे पर डिंपल को मात देने की जिम्मेदारी सौंपी है। डिंपल के पक्ष में अखिलेश यादव ने यहां जबरदस्त प्रचार किया है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी यहां रैली की।