VIDEO : पाकिस्तान की 'नौटंकी' के बाद थार एक्सप्रेस ने पार किया बॉर्डर, 228 यात्रियों को लेकर लौटेगी भारत
जोधपुर। पाकिस्तान के रेल मंत्री शेख रईस अहमद की थार लिंक एक्सप्रेस को बंद करने की घोषणा के बीच शनिवार को थार एक्सप्रेस ने भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पार कर लिया। 165 यात्रियों को लेकर थार लिंक एक्सप्रेस पाकिस्तान पहुंच गई है। पाकिस्तान से वापसी में 228 यात्री भारत लेकर आएगी।
बता दें कि राजस्थान के जोधपुर स्थित भगत की कोठी रेलवे स्टेशन से थार एक्सप्रेस शुक्रवार रात एक बजे रवाना हुई थी, जिसे मुनाबाव, जीरो प्वाइंट, खोखरापार रेलवे स्टेशन से होते हुए पाकिस्तान के कराची तक जाना था। सुबह 7 बजे ट्रेन मुनाबाव रेलवे स्टेशन पर पहुंची। यहां से आगे लाइन का क्लीयरेंस नहीं मिलने के कारण थार एक्सप्रेस मुनाबाव में ही खड़ी रही। फिर तीन घंटे की देरी से भारत-पाक बॉर्डर पर बने अंतिम रेलवे स्टेशन जीरो प्वाइंट पर पहुंची।
Thar Express : 165 यात्रियों को लेकर पाक के लिए रवाना, पार नहीं कर सकी Indo-Pak बॉर्डर, VIDEO
बताते हैं कि पाकिस्तान की इस ट्रेन को बंद करने की घोषणा सरकारी संदेश के रूप में रेलवे बोर्ड तक नहीं पहुंची तो रेलवे ने जोधपुर के उपनगरीय स्टेशन भगत की कोठी से देर रात एक बजे थार एक्सप्रेस को पाकिस्तान के लिए रवाना कर दिया था। इस बार भारत से 84 पाकिस्तानी वतन लौट रहे हैं तो 81 भारतीय भी अपनों से मिलने के लिए पाकिस्तान जा रहे हैं। हालांकि ट्रेन के जाने और न जाने के असमंजस के बीच 17 यात्रियों ने ऐनवक्त पर टिकट रद्द भी करवाए। कुछ पाकिस्तानी ऐसे भी हैं जो तय यात्रा पूरी करने से पहले ही लौट रहे हैं।
जीरो प्वाइंट पर भारत आने वाले 228 यात्रियों के सामान की जांच शुरू होने के थोड़ी देर पश्चात बिजली चली गई। बिजली बंद होने के कारण जांच कार्य अटक गया। ऐसे में करीब तीन बजे जांच पूरी हो पाई। इसके बाद 3.10 बजे भारतीय ट्रेन ने सीमा पार की। अब यह ट्रेन पाकिस्तान के जीरो प्वाइंट से 228 यात्रियों को लेकर मुनाबाव आएगी। वहां से जोधपुर के लिए रवाना होगी।
35 साल बाद बेटी से मिलने जा रही रखसत
भारत-पाकिस्तान के बीच रोटी-बेटी का संबंध रहा है। ऐसे में दोनों ही देशों में कई परिवार व लोग हैं, जो भारत-पाकिस्तान के बीच सफर करते हैं। थार एक्सप्रेस की यात्री रुखसत बीबी बताती हैं कि उसकी बेटी की 35 साल पहले पाकिस्तान के एक युवक से शादी हुई थी। शादी के बाद से बेटी से वह कभी नहीं मिल पाई। कई सालों की मशक्कत के बाद अब वीजा मिला था। 35 साल बाद बेटी से मिलने पाकिस्तान जा रही हूं। बेटी व उसके तीन बच्चों से मिलने की ख्वाहिश अब अधूरी रह गई। रखसत जैसी कहानी थार एक्सप्रेस के कई यात्रियों की है।
Pakistan Minister for Railways, Sheikh Rasheed Ahmad announces that Thar Express services (Jodhpur-Karachi) will be stopped. pic.twitter.com/HkAQ0PA0UH
— ANI (@ANI) August 9, 2019
जानिए क्या है थार एक्सप्रेस
थार एक्सप्रेस अंतरराष्ट्रीय रेल सेवा है। यह पाकिस्तान के कराची को भारत के जोधपुर शहर से जोड़ती है। पाकिस्तान के अंतिम रेल स्टेशन खोखरापार और भारत के मुनाबाव के बीच सीमा पार कर यह ट्रेन चलती है। इन दोनों स्टेशनों के बीच छह किलोमीटर की दूरी है। हालांकि पाकिस्तान ने बॉर्डर के ऊपर जीरो लाइन रेलवे स्टेशन बना रखा है।
ऐसे में सीमापार तक इसका संचालन होता है। भारत-पाकिस्तान के बीच यह सबसे पुरानी रेल सेवा है। वर्ष 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान इसकी पटरियां क्षतिग्रस्त हो गईं थीं। इसके बाद इस रेल सेवा को बंद कर दिया गया था। बाद में 18 फरवरी 2006 से पुन: इस रेल सेवा को शुरू किया गया। इस दौरान भारत पाकिस्तान के बीच कई बार तनावपूर्ण हालात बने लेकिन यह रेल सेवा जारी रही।
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