सुषमा स्वराज की वजह से राजस्थानी लड़का ला सका पाकिस्तानी दुल्हन, एक ट्वीट पर दिलवा दिया वीजा
जोधपुर। 67 साल की उम्र में पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का 6 अगस्त 2019 को निधन हो गया। दिल्ली के एम्स में उन्होंने अंतिम सांस ली। वे भारत के सर्वश्रेष्ठ विदेश मंत्रियों में से एक थीं। वे महज एक ट्वीट के जरिए लोगों की मदद कर दिया करती थीं। इस बात को राजस्थान के जोधपुर निवासी नरेश टीवानी का परिवार भूल पाएगा। नरेश टीवानी की शादी सुषमा स्वराज की मदद से ही संभव हो पाई थी।
दरअसल, राजस्थान के जोधपुर के सिंधी परिवार से ताल्लुक रखने वाले नरेश टीवानी वर्ष 2001 में पाकिस्तान गए थे। वहां के सिंधी समुदाय की संस्कृति, मेहमानवाजी और रस्म-ओ-रिवाज देखकर तय किया कि वे पाकिस्तान की ही लड़की से शादी करेंगे। इत्तेफाक से नरेश की शादी पाकिस्तान के कराची की रहने वाली प्रिया बचानी से तय हुई, लेकिन शादी वे राजस्थान में करना चाहते थे। इसलिए प्रिया बचानी व उसके परिवार को राजस्थान के जोधपुर में आना था, मगर दिक्कत यह थी कि वीजा नहीं मिल रहा था।
इस पर नरेश ने ट्वीटर पर तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से गुहार लगाते हुए लिखा- ''मैम मेरी शादी 7 नवंबर को है। मेरी मंगेतर कराची, पाकिस्तान से है। उनके परिवार को वीज़ा नहीं मिल रहा है। अब सिर्फ़ आप ही मेरी उम्मीद हैं। कृपया मदद करें'' नरेश के ट्वीट पर सुषमा स्वराज ने जवाब दिया- आप चिंता न करें। हम वीज़ा दिलवा देंगे।इसके बाद प्रिया बचानी के परिवार को समय पर वीजा मिला और भारत आए। नरेश व प्रिया की जोधपुर के फार्म हाउस में धूमधाम से शादी हुई। नरेश व प्रिया का परिवार सुषमा स्वराज की यह मदद कभी नहीं भूल पाएगा।
स्मृति शेष: पाक से लौटी गीता को बेटी मानती थीं सुषमा स्वराज, शादी के लिए तलाश रही थीं लड़का
इधर, पाकिस्तान से भारत लाया जा सका रेशमा शव
सुषमा
स्वराज
के
विदेश
मंत्री
रहते
हुए
राजस्थान
की
रेशमा
को
अपने
वतन
की
मिट्टी
नसीब
हो
पाई
थी,
जिसे
पूरा
राजस्थान
कभी
नहीं
भुला
सकता।
सुषमा
स्वराज
की
वजह
से
भारत-पाकिस्तान
ने
ऐतिहासिक
निर्णय
लेते
हुए
पहली
बार
किसी
शव
के
लिए
मुनाबाव
बॉर्डर
के
गेट
खोले
गए
थे।
फिर
रेशमा
का
जनाजा
भारत
लाकर
उसको
गांव
में
सुपुर्द
ए
खाक
किया
गया।