अनूठा मामला : थानाधिकारी एक लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए नहीं बल्कि परिवादी को देते हुए पकड़ा गया
जोधपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के शिकंजे में अक्सर रिश्वत लेने वाले पुलिसकर्मी आते हैं, मगर यहां तो एक पुलिस थानाधिकारी परिवादी को एक लाख रुपए देते हुए पकड़ा गया। यह अपने आप अनूठा मामला है, जिसमें एसीबी ने पुलिस अधिकारी को रुपए लेते हुए की बजाय देते हुए पकड़ा है।
मामला राजस्थान के जोधपुर कमिश्नरेट पुलिस का है। यहां के रातानाड़ा पुलिस थानाधिकारी भूपेन्द्र सिंह को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने शुक्रवार को एक व्यक्ति को एक लाख रुपए देते दबोचा है। परिवादी विक्रम सिंह ने बताया था कि कुछ दिन पहले रातानाड़ा पुलिस की ओर से उनके कोचिंग इंस्टीट्यूट पर छापेमारी की कार्रवाई की गई थी और उन्हें फर्जी आईएएस अधिकारी बताकर गिरफ्तार किया गया था। पूरे मामले में उन्होंने कई बार अपना पक्ष रखना चाहा लेकिन पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी और उन्हें आरोपी बनाकर गिरफ्तार कर लिया।
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कार्रवाई के दौरान रातानाड़ा थाना अधिकारी भूपेंद्र सिंह ने उसके घर से 4 लाख बरामद किए थे, जो उन्होंने कहीं भी ऑन रिकॉर्ड बरामदगी नहीं दिखाई।करीब 12 दिन बाद विक्रम जमानत पर बाहर आने के बाद जब उसने भूपेंद्र सिंह से बात की और उन्हें 4 लाख रुपए लौटाने के लिए कहा तो एसएचओ आनाकानी करने लगा। काफी दबाव के बाद 2 लाख रुपए देने के लिए तैयार हुआ। इस पर उन्होंने एसीबी में इसकी शिकायत की।
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एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरेंद्र चौधरी ने बताया कि परिवादी की शिकायत के बाद एसीबी ने शिकायत का सत्यापन करवाया और सत्यापन के दौरान शुक्रवार को रतनाड़ा पुलिस थाने में थानाधिकारी भूपेन्द्र सिंह परिवादी को एक लाख रुपए वापस लेने के लिए बुलाया।
वह पुलिस थाना पहुंचा तो भूपेंद्र सिंह ने उसे 1 लाख वापस दे दिए और 48 हजार रुपए कुछ देर बाद देने के लिए कहा। इधर, विक्रम ने 1 लाख लेने के बाद एसीबी को इशारा किया, जिस पर एसीबी की टीम मौके पर पहुंची और मौके से 1 लाख रुपए बरामद कर लिए। एसीबी चौधरी ने बताया कि इस मामले की जांच सब इंस्पेक्टर गणपत सिंह कर रहे हैं, जो कार्रवाई के दौरान फरार हो गए। पूरे मामले की फाइल जिस अलमारी में रखी हैं। उसे सीज किया गया है। साथ ही एसआई को भी आरोपी बनाया गया है।