किसान परिवार के दो अफसर बेटों को न्यूयॉर्क-बीजिंग में नियुक्ति, गांव मथानिया में जश्न का माहौल
जोधपुर। राजस्थान में लाल मिर्च के लिए प्रसिद्ध गांव मथानिया के किसान परिवार के दो बेटों को विदेश में नियुक्ति मिली है। एक न्यूयार्क तो दूसरा बिजिंग में रहकर भारत का प्रतिनिधत्व करेगा। दोनों बेटों की इस उपलब्धि पर पूरे मथानिया गांव में खुशी का माहौल है। हर कोई इन बेटों के परिजनों को शुभकामनाएं दे रहा है।
राजेश परिहार चीन से जाएंगे अमेरिका
बता दें कि लंबे समय बाद भारत फिर से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अस्थाई सदस्य बना है। इस मिशन के लिए सुरक्षा परिषद में सामान्य मुद्दों पर भारत की बात रखने, वक्तव्य देने व प्रतिनिधित्व करने के लिए केंद्र सरकार ने जोधपुर के राजेश परिहार को नियुक्त किया है। भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी परिहार अक्टूबर में न्यूयार्क में जॉइन में करेंगे। राजेश फिलहाल चीन में भारत के दूतावास में प्रथम सचिव (आर्थिक-वाणिज्यिक मामलों के प्रमुख) पद पर कार्यरत हैं।
वर्ष 2009 में हुआ था चयन
राजेश परिहार के पिता भाउराम परिहार ने बताया कि अभी दो दिन पहले ही पता चला है कि उनके बेटे को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत का प्रतिनिधित्व करने की जिम्मेदारी मिली है। राजेश की प्रारम्भिक शिक्षा गांव के स्कूल से हुई। फिर शेष पढ़ाई जोधपुर से पूरी की। 2009 में राजेश परिहार का भारतीय विदेश सेवा में चयन हुआ था।
पारस सांखला दिल्ली से चाइना जाएंगे
पारस सांखला के पिता पेमाराम सांखला ने बताया कि गांव मथानिया के ही आईएफएस पारस सांखला (बिंजवाड़िया) की चाइना में नियुक्त हुई है। इन्हें बीजिंग स्थित दूतावास में प्रथम सचिव पद की जिम्मेदारी मिली है।
अरुण जेटली के ओएसडी भी रहे
पेमाराम सांखला के मुताबिक इससे प्रथम नियुक्ति 2008 में होने के बाद वे कांडला व अहमदाबाद में 2014 तक असिस्टेंट कमिश्नर रहे। फिर तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली के ओएसडी रहे। वर्तमान में डीआरआई कस्टम के पद पर दिल्ली में कार्यरत हैं। पारस का वर्ष 2009 में आईएफएस में चयन हुआ था।
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