पाकिस्तान से आई शरणार्थी छात्रा दामी कोली को राजस्थान में 12वीं बोर्ड परीक्षा में बैठाने से इनकार
पाकिस्तान से शरणार्थी छात्रा को राजस्थान में 12वीं बोर्ड में बैठाने से इनकारपाकिस्तान से 10वीं पास करके आई हिन्दू शरणार्थी छात्रा को राजस्थान में 12वीं बोर्ड में बैठाने से इनकार
जोधपुर। पाकिस्तान में प्रताड़ित होने के बाद हिन्दुस्तान में शरण लेने वाले एक परिवार की बेटी का पढ़-लिखकर डॉक्टर बनने का ख्वाब टूटने को है। पाक विस्थापित यह हिन्दू परिवार वर्तमान में राजस्थान के जोधपुर के आंगनवा क्षेत्र में रह रहा है। समस्या यह है कि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर ने इस परिवार की बेटी दामी उर्फ दीपा कोली को वर्ष 2020 में आयोजित होने वाली बारहवीं बोर्ड की परीक्षा में बैठाने से इनकार कर दिया है।
शिक्षा बोर्ड अजमेर की ओर से छात्रा दामी का परीक्षा फार्म रद्द किए जाने से दामी समेत उसका पूरा परिवार मायूस है। हालांकि शिक्षा मंत्री गोविन्द डोटासरा ने भरोसा दिलाया है कि दामी को बोर्ड परीक्षा में शामिल किया जाएगा, मगर उससे पहले पाकिस्तान से उसकी शिक्षा संबंधी दस्तावेजों की जांच करेंगे।
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2018 में पाकिस्तान से जोधपुर आया दामी का परिवार
जानकारी के अनुसार चौथा राम कोली का परिवार पाकिस्तान के सिंध प्रांत में रहता था। चौथाराम की बेटी दामी की दसवीं तक की पढ़ाई बायोलॉजी संकाय से पाकिस्तान में ही हुई। इसके बाद चौथा राम का परिवार पाकिस्तान में प्रताड़ित होने लगा तो 13 अगस्त 2018 को भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित राजस्थान चला आया और यहां पर जोधपुर शहर से बीस किलोमीटर दूर स्थित आंगनवा क्षेत्र में पाक विस्थापितों की बस्ती में शरण ले ली।
जोधपुर के निजी स्कूल की छात्रा है दामी कोली
पाकिस्तान से आने के बाद दामी ने पढ़ाई नहीं छोड़ी और जोधपुर के निजी स्कूल सरस्वती बालिका विद्यालय की कक्षा 11वीं में विज्ञान संकाय में प्रवेश लिया। 11वीं उत्तीर्ण करके दामी ने यहीं पर 12वीं कक्षा में दाखिला लिया। राजस्थान में 12वीं कक्षा की परीक्षा माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर की ओर से आयोजित करवाई जाती है।
दामी ने स्कूल में जमा करवाए शिक्षा संबंधी दस्तावेज
दामी के अनुसार राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर की 12वीं की परीक्षा के लिए दसवीं की अंकतालिका के आधार पर परीक्षा फार्म भरा था, जिसे बोर्ड ने पाकिस्तान में दसवीं उत्तीर्ण करने को लेकर आपत्ति जताते हुए रद्द कर दिया जबकि 12वीं बोर्ड की सत्र 2019-2020 की परीक्षाएं शुरू होने में करीब डेढ़ माह शेष है। दामी ने बताया कि जोधपुर के सरस्वती बालिका विद्या मंदिर में एडमिशन के दौरान माइग्रेशन सर्टिफिकेट और पाकिस्तान में दसवीं कक्षा उत्तीर्ण करने की अंकतालिका व शपथ पत्र समेत अन्य दस्तावेज जमा करवा दिए थे। अब परीक्षा में नहीं बैठाएंगे तो मेरी डॉक्टर बनने का सपना अधूरा ही रह जाएगा।
भले ही नियम बदलने पड़े, दामी जरूर देगी परीक्षा-डोटासरा
उधर, राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा कहते हैं कि पाक विस्थापित छात्रा दामी को परीक्षा में बैठने दिया जाएगा, भले ही राजस्थान सरकार को बोर्ड परीक्षा के नियमों में बदलाव करना पड़े। डोटासरा का कहना है कि दामी की शिक्षा संबंधी विवरण के लिए पाकिस्तानी दूतावास को लिखा गया है। पाकिस्तान की ओर से सकारात्मक जवाब मिलता तो दमी के 12वीं परीक्षा में शामिल होने में कोई दिक्कत नहीं होगी। इसके अलावा अगर पाकिस्तान का जवाब नकारात्मक रहा तो बोर्ड परीक्षा के नियमों में बदलाव करके दमी को 12वीं बोर्ड परीक्षा में बैठाएंगे।
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