नागरिकता बिल : पाकिस्तान से राजस्थान आए हिन्दुओं की दर्दभरी दास्तां, 'बेटियों को उठा ले जाते थे मुस्लिम और...' VIDEO
पाक विस्थापितों की दर्दभरी कहानी उन्हीं की जुबानी, 'हमारी बेटियों से जबरन शादी कर बना देते थे मुस्लिम'
जोधपुर। नागरिकता संशोधन बिल 2019 बुधवार को राज्यसभा में भी पारित हो गया है। अब पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना का शिकार होकर भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी, इसाई समुदाय के लोगों को भारतीय नागरकिता मिलने की राह आसान हो गई है। भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर स्थित राजस्थान में भी अनेक ऐसे परिवार रह रहे हैं, जिन्होंने पाकिस्तान में यातनाएं झेली और फिर वहां से आकर राजस्थान में शरण ले ली। इन्हें जोधपुर, जैसलमेर समेत सीमावर्ती जिलों में कई जगहों पर बसाया गया। राजस्थान के जोधपुर के काली बेरी एरिया में रहने वाले हिन्दू शरणार्थी रतन पंवार ने पाक में हुई धार्मिक प्रताड़ना की वो खौफनाक कहानी बयां कि जिसे सुनकर किसी के भी रोंगटे खड़े हो सकते हैं।
बहू-बेटियों पर अत्याचार बढ़े तो पाक से भारत आ गए-रतन पंवार
पाक विस्थापित रतन पंवार बताते हैं कि पाकिस्तान में रहते हुए एक नहीं बल्कि अनेक समस्याओं का सामना किया। वहां घर बनाकर रहने में दिक्कतें थीं। कमाकर खाना भी आसान नहीं था। पाकिस्तान में हिन्दुओं पर जबरन मुस्लिम धर्म अपनाने का दबाव डाला जाता था। हिन्दुओं के बच्चे कलमा पढ़ने को मजबूर थे। हम अपने धर्म के हिसाब से बच्चों को पढ़ा भी नहीं सकते थे। पाकिस्तान से आकर जोधपुर में बसे रतन पंवार के अनुसार सबसे खौफनाक बात तो ये थी कि वहां के मुस्लिम हिन्दुओं की बेटियों को मुस्लिम बनाना चाहते थे। कोई भी सुंदर लड़की को वे जबरन उठा ले जाते और बोलते कि उससे शादी कर ली है। अब ये हमारे मजहब की हो गई। वे लोग 13 साल की बेटियों तक को शादी के लिए अगवा कर लेते थे। रहने, पढ़ने और काम करने की आजादी नहीं मिलने व बहू-बेटियों के साथ अत्याचार सहने के बाद 6 साल पहले पूरे परिवार को साथ लेकर भारत आ गए। अब नागरिक संशोधन बिल 2019 पारित होने पर हमें भी भारत की नागरिकता मिल सकेगी। यह हमारे लिए सबसे बड़ा खुशी का दिन है।
पाक में हिन्दुओं को मुस्लिम धर्म अपनाने पर किया मजबूर- दिनेश कुमार
पाक विस्थापित रतन पंवार की बात से दिनेश कुमार भी इत्तेफाक रखते हैं। दिनेश बताते हैं कि वर्ष 1947 में भारत का विभाजन हुआ तो हमारे परिवार भी बंट गए। राजस्थान के जोधपुर, जैसलमेर, बीकानेर, बाड़मेर और श्रीगंगानगर में रहने वाले हमारे परिवार और रिश्तेदारी भी दो हिस्सों में बंट गई। हमारे परिवार के हिस्से में पाकिस्तान आया था। हमें वहां रहने में भी कोई दिक्कत नहीं थी, लेकिन उस समय जो समझौता हुआ था पाकिस्तान में रहने वाले हिन्दुओं को भी उनका हक दिया जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पाकिस्तान धर्मनिरपेक्ष देश नहीं बल्कि मुस्लिम देश है। वहां हम हिन्दुओं की बहू-बेटियां उत्पीड़न का शिकार होती थीं। हिन्दुओं को रहने, पढ़ने और धार्मिक आधार पर इतना मजबूर किया जाता है कि ताकि वो मुस्लिम धर्म अपना लें। वहां से प्रताड़ित होकर हिन्दुस्तान चले आए, मगर यहां भी हमें रहने, पढ़ने और नागरिकता की ज्यादा सुविधा नहीं मिली। दर-दर की ठोकरें खानी पड़ीं। अब नागरिकता संशोधन बिल का पास होना हमारे वर्षों पुराने ख्वाब का पूरा होने जैसा है।
पाक विस्थापितों ने जोधपुर में मनाया जश्न
नागरिकता संशोधन बिल 2019 पास होते ही राजस्थान के हजारों परिवारों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। इन परिवारों ने दिसम्बर में ही दिवाली मनाई। जमकर पटाखे फोड़े और एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर जश्न मनाया। वर्तमान राजस्थान के जोधपुर के काली बेरी एरिया, मंडोर के आस-पास रहने वाले इन पाक विस्थापितों को वर्षों से नागरिकता का इंतजार था। अकेले राजस्थान में करीब 7 हजार पाक विस्थापित बताए जा रहे हैं।
बुधवार को राज्यसभा में नागरिक बिल पेश किए जाने पर पाक विस्थापित नागरिकों की धड़कने बढ़ी हुई थी। सभी लोग टेलीविजन के सामने दोपहर 12:00 बजे से टिकटकी लगाए बैठे थे। गृहमंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन बिल 2019 के पक्ष में पुरजोर तरीके से अपनी बात रखी तो हाथ में तिरंगा लिए इन पाक विस्थापित नागरिकों ने वंदे मातरम के नारे लगाकर खुशी का इजहार किया। जब नागरिकता संशोधन बिल पास हुआ तो पटाखे फोड़कर के खुशी मनाई।