Rajasthan: जोधपुर सीट से Gajendra Singh की लगातार तीसरी जीत में Karan Singh ने फंसाया ये पेंच
Gajendra Singh Shekhawat vs Karan Singh Uchiyarda Jodhpur: लोकसभा चुनाव 2024 में राजस्थान की जोधपुर सीट से भाजपा ने एक बार फिर गजेंद्र सिंह शेखावत को मौका दिया है। जोधपुर से भाजपा के मौजूदा सांसद व केंद्र सरकार में जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के सामने कांग्रेस ने करण सिंह उचियारड़ा को मैदान में उतारा है।
जोधपुर लोकसभा सीट से साल 2014 व 2019 में जीत दर्ज करने वाले गजेंद्र सिंह शेखावत के लिए लोकसभा चुनाव 2024 में जीत की हैट्रिक बना पाना आसान नहीं है। इस बार सियासी समीकरण काफी बदल गए हैं। करण सिंह उचियारड़ा पूर्व सीएम अशोक गहलोत के करीबी नेताओं में से एक हैं। जोधपुर गहलोत का गृह जिला है।
जोधपुर संसदीय क्षेत्र की शेरगढ़ सीट से भाजपा विधायक बाबूसिंह राठौड़ तो खुलकर इनके विरोध में उतर आए थे। हालांकि कहा जाता है कि MLA राठौड़ की राजस्थान सीएम भजनलाल शर्मा से मुलाकात बाद शेखावत-राठौड़ के बीच सबकुछ ठीक हो गया।
राजस्थान के दूसरे सबसे बड़े शहर जोधपुर में कमल खिलाने वाले गजेन्द्र सिंह शेखावत ( Gajendra Singh Shekhawat ) को कौन नहीं जानता? भाजपा के दिग्गज नेता गजेंद्र सिंह शेखावत ने लोकसभा चुनाव 2019 में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (जादूगर) के बेटे वैभव गहलोत को करारी शिकस्त दी है, मगर यह बात बहुत कम लोग जानते होंगे कि किसी जमाने में शेखावत विदेश में खेती किया करते थे।
वन इंडिया की 'जानिए अपना सांसद' सीरीज में आज बात करते हैं जोधपुर सांसद गजेन्द्र सिंह शेखावत की, जिसमें इनके छात्रसंघ अध्यक्ष बनने से लेकर लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए विदेश से वतन वापसी तक की स्टोरी सिलेसिलेवार जानते हैं।
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फिर इथोपिया जाकर करने लगे खेती
वन इंडिया से बातचीत में गजेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि वर्ष 1992 में छात्रसंघ चुनाव जीतने के बाद 1 साल तक जोधपुर में विश्वविद्यालय के छात्रों की सेवा की। फिर 1994 में ईस्ट अफ़्रीका के देश इथोपिया चले गए। वहां खुद की जमीन पर खेती करने लगे, लेकिन मन में कहीं ना कहीं राजनीति की वो ललक जिंदा रही। शायद यही वजह है कि 20 साल बाद वर्ष 2014 में सिर्फ इसलिए जोधपुर लौटे की चुनाव लड़ना है। भाजपा से जुड़ाव रहने के कारण लोकसभा चुनाव 2014 में टिकट भी मिल गया। पहला ही चुनाव जीता और केन्द्र में कृषि राज्यमंत्री के पद तक पहुंचे।
लोकसभा चुनाव में गजेन्द्र सिंह शेखावत का प्रदर्शन
बीते दो लोकसभा चुनाव में गजेन्द्र सिंह शेखावत ( Jodhpur MP) का प्रदर्शन शानदार रहा है। लोकसभा चुनाव 2014 में कांग्रेस की चंद्रेश कुमारी को 4 लाख एक हजार 51 मतों से मात देकर पहली बार सांसद बने। इसके बाद मोदी टीम के साथ जुड़कर सक्रियता से काम किया और जोधपुर ही नहीं बल्कि पूरे मारवाड़ और राजस्थान में लोगों का दिल जीता। सांसद को हाल ही किसान मोर्चा का राष्ट्रीय महामंत्री बनाया गया। लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा ने इन पर फिर भरोसा जताया। इस बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत से मुकाबला था। शेखावत ने 7 लाख 88 हजार 888 व गहलोत ने 514448 वोट पाए। शेखावत की 2 लाख 74 हजार 440 मतों से जीत हुई।
गजेन्द्र शेखावत का परिवार
24 नवम्बर 1993 में गजेन्द्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat Family) की शादी नौनंद कंवर के साथ हुई। इनके एक बेटा व दो बेटी हैं। लोकसभा चुनाव 2019 में प्रदेश की सबसे हॉट सीटों में से एक जोधपुर में शेखावत अपने पूरे परिवार के साथ वोट देने पहुंचे थे। उनकी यह तस्वीर वायरल भी हुई थी। वर्तमान में शेखावत का परिवार जोधपुर की 34-ए, अजीत कॉलोनी में रहता है।
सीकर के गांव मेहरोली में जन्मे शेखावत
राजस्थान के सीकर जिले के गांव मेहरोली में शंकर सिंह शेखावत व मोहन कंवर के घर 3 अक्टूबर 1967 को गजेन्द्र सिंह शेखावत का जन्म हुआ। शंकर सिंह शेखावत जलदाय विभाग में वरिष्ठ अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हुए। पिता की सर्विस राजस्थान में अनेक स्थानों पर रही। ऐसे में शेखावत की स्कूली शिक्षा भी अलग-अलग शहर-कस्बों में हुई। शेखावत ने जयनारायण विश्वविद्यालय, जोधपुर राजस्थान से एमए (दर्शन शास्त्र) और एम फिल (दर्शन शास्त्र) से डिग्री प्राप्त की।
1992 में जोधपुर यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे
शेखावत कॉलज की पढ़ाई के दौरान ही राजनीति में सक्रिय हो गए थे। जोधपुर के जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में वर्ष 1992 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के टिकट पर छात्रसंघ अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा और भारी मतों से जीत हासिल की। शेखावत प्रखर वक्ता भी हैं। अनेक वाद-विवाद प्रतियोतिगतों में जेएनवी यूनिवर्सिटी का प्रतिनिधित्व किया। छात्र जीवन से ही संघ परिवार से भी जुड़े रहे। इसके बाद समाज सेवा को अपनाया और स्वदेशी जागरण मंच व सीमा जन कल्याण समिति में कार्य किया।
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फिर इथोपिया जाकर करने लगे खेती
वन इंडिया से बातचीत में गजेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि वर्ष 1992 में छात्रसंघ चुनाव जीतने के बाद 1 साल तक जोधपुर में विश्वविद्यालय के छात्रों की सेवा की। फिर 1994 में ईस्ट अफ़्रीका के देश इथोपिया चले गए। वहां खुद की जमीन पर खेती करने लगे, लेकिन मन में कहीं ना कहीं राजनीति की वो ललक जिंदा रही। शायद यही वजह है कि 20 साल बाद वर्ष 2014 में सिर्फ इसलिए जोधपुर लौटे की चुनाव लड़ना है। भाजपा से जुड़ाव रहने के कारण लोकसभा चुनाव 2014 में टिकट भी मिल गया। पहला ही चुनाव जीता और केन्द्र में कृषि राज्यमंत्री के पद तक पहुंचे।
लोकसभा चुनाव में गजेन्द्र सिंह शेखावत का प्रदर्शन
बीते दो लोकसभा चुनाव में गजेन्द्र सिंह शेखावत ( Jodhpur MP) का प्रदर्शन शानदार रहा है। लोकसभा चुनाव 2014 में कांग्रेस की चंद्रेश कुमारी को 4 लाख एक हजार 51 मतों से मात देकर पहली बार सांसद बने। इसके बाद मोदी टीम के साथ जुड़कर सक्रियता से काम किया और जोधपुर ही नहीं बल्कि पूरे मारवाड़ और राजस्थान में लोगों का दिल जीता। सांसद को हाल ही किसान मोर्चा का राष्ट्रीय महामंत्री बनाया गया। लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा ने इन पर फिर भरोसा जताया। इस बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत से मुकाबला था। शेखावत ने 7 लाख 88 हजार 888 व गहलोत ने 514448 वोट पाए। शेखावत की 2 लाख 74 हजार 440 मतों से जीत हुई।
गजेन्द्र शेखावत का परिवार
24 नवम्बर 1993 में गजेन्द्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat Family) की शादी नौनंद कंवर के साथ हुई। इनके एक बेटा व दो बेटी हैं। लोकसभा चुनाव 2019 में प्रदेश की सबसे हॉट सीटों में से एक जोधपुर में शेखावत अपने पूरे परिवार के साथ वोट देने पहुंचे थे। उनकी यह तस्वीर वायरल भी हुई थी। वर्तमान में शेखावत का परिवार जोधपुर की 34-ए, अजीत कॉलोनी में रहता है।
सीकर के गांव मेहरोली में जन्मे शेखावत
राजस्थान के सीकर जिले के गांव मेहरोली में शंकर सिंह शेखावत व मोहन कंवर के घर 3 अक्टूबर 1967 को गजेन्द्र सिंह शेखावत का जन्म हुआ। शंकर सिंह शेखावत जलदाय विभाग में वरिष्ठ अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हुए। पिता की सर्विस राजस्थान में अनेक स्थानों पर रही। ऐसे में शेखावत की स्कूली शिक्षा भी अलग-अलग शहर-कस्बों में हुई। शेखावत ने जयनारायण विश्वविद्यालय, जोधपुर राजस्थान से एमए (दर्शन शास्त्र) और एम फिल (दर्शन शास्त्र) से डिग्री प्राप्त की।
1992 में जोधपुर यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे
शेखावत कॉलज की पढ़ाई के दौरान ही राजनीति में सक्रिय हो गए थे। जोधपुर के जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में वर्ष 1992 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के टिकट पर छात्रसंघ अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा और भारी मतों से जीत हासिल की। शेखावत प्रखर वक्ता भी हैं। अनेक वाद-विवाद प्रतियोतिगतों में जेएनवी यूनिवर्सिटी का प्रतिनिधित्व किया। छात्र जीवन से ही संघ परिवार से भी जुड़े रहे। इसके बाद समाज सेवा को अपनाया और स्वदेशी जागरण मंच व सीमा जन कल्याण समिति में कार्य किया।
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फिर इथोपिया जाकर करने लगे खेती
वन इंडिया से बातचीत में गजेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि वर्ष 1992 में छात्रसंघ चुनाव जीतने के बाद 1 साल तक जोधपुर में विश्वविद्यालय के छात्रों की सेवा की। फिर 1994 में ईस्ट अफ़्रीका के देश इथोपिया चले गए। वहां खुद की जमीन पर खेती करने लगे, लेकिन मन में कहीं ना कहीं राजनीति की वो ललक जिंदा रही। शायद यही वजह है कि 20 साल बाद वर्ष 2014 में सिर्फ इसलिए जोधपुर लौटे की चुनाव लड़ना है। भाजपा से जुड़ाव रहने के कारण लोकसभा चुनाव 2014 में टिकट भी मिल गया। पहला ही चुनाव जीता और केन्द्र में कृषि राज्यमंत्री के पद तक पहुंचे।
लोकसभा चुनाव में गजेन्द्र सिंह शेखावत का प्रदर्शन
बीते दो लोकसभा चुनाव में गजेन्द्र सिंह शेखावत ( Jodhpur MP) का प्रदर्शन शानदार रहा है। लोकसभा चुनाव 2014 में कांग्रेस की चंद्रेश कुमारी को 4 लाख एक हजार 51 मतों से मात देकर पहली बार सांसद बने। इसके बाद मोदी टीम के साथ जुड़कर सक्रियता से काम किया और जोधपुर ही नहीं बल्कि पूरे मारवाड़ और राजस्थान में लोगों का दिल जीता। सांसद को हाल ही किसान मोर्चा का राष्ट्रीय महामंत्री बनाया गया। लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा ने इन पर फिर भरोसा जताया। इस बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत से मुकाबला था। शेखावत ने 7 लाख 88 हजार 888 व गहलोत ने 514448 वोट पाए। शेखावत की 2 लाख 74 हजार 440 मतों से जीत हुई।
गजेन्द्र शेखावत का परिवार
24 नवम्बर 1993 में गजेन्द्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat Family) की शादी नौनंद कंवर के साथ हुई। इनके एक बेटा व दो बेटी हैं। लोकसभा चुनाव 2019 में प्रदेश की सबसे हॉट सीटों में से एक जोधपुर में शेखावत अपने पूरे परिवार के साथ वोट देने पहुंचे थे। उनकी यह तस्वीर वायरल भी हुई थी। वर्तमान में शेखावत का परिवार जोधपुर की 34-ए, अजीत कॉलोनी में रहता है।