कोरोना वायरस के डर से जोधपुर जेल के कैदियों ने की भूख हड़ताल, बोले-हमें रिहा करो
जोधपुर। कोरोना वायरस के चलते वैश्विक महामारी के इस दौर में कई देशों में जेल में बंद कैदियों को रिहा किया गया है और कई देशों में कैदियों के द्वारा रिहाई की मांग को लेकर विरोध और हंगामे भी सामने आए हैं। कोरोना वायरस का खतरा अब जोधपुर सेंट्रल जेल में भी कैदियों को सताने लगा है। 24 मार्च की सुबह जेल के सभी कैदियों ने भूख हड़ताल की घोषणा की। इस भूख हड़ताल में कुछ एक कैदियों को छोड़कर आसाराम सहित सभी कैदियों ने हिस्सा लिया।
सभी ने भूख हड़ताल की और खाना नहीं खाया। जेल प्रशासन के द्वारा 14 सौ से अधिक बंदियों का खाना बनाया गया था, लेकिन बंदियों के नहीं खाने के चलते उस खाने को डिस्ट्रॉय किया गया। 24 मार्च की रात को करीब 200 बंदियों के लिए ही खाना बना, जो कुछ ही बंदियों ने खाया। बाकी सभी बंदी भूख हड़ताल पर रहे हैं। 26 मार्च को भी हड़ताल जारी रही। बता दें कि बलात्कार के केस में सजा भुगत रहे आसाराम 24 मार्च को तो भूख हड़ताल में शामिल हुए। 25 मार्च को खाना तो नहीं खाया, लेकिन कुछ फल खाए। वहीं, भंवरी देवी हत्याकांड के मामले के आरोपी जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं।
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राजस्थान सरकार के पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा भूख हड़ताल में शामिल नहीं हुए हैं। कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए बंदियों ने मांग की है कि उनको रिहा किया जाए या जमानती बांड पर पैरोल पर बाहर निकाला जाए। जोधपुर जेल में करीब 1375 बंदी हैं। ऐसे में कैदियों संक्रमण फैलने की संभावनाएं ज्यादा बताते हुए कैदियों ने भूख हड़ताल की घोषणा करके राज्य सरकार से रिहाई की मांग की है। जोधपुर सेंट्रल जेल अधीक्षक कैलाश त्रिवेदी ने बताया कि करीब 400 बंदियों के पैरोल को लेकर राज्य सरकार को भेजे गए हैं। अब सरकार तय करेगी कौन से बंदी को जमानत देनी है या किस बंदी की सजा माफ करनी है।