चंदन सिंह राठौड़ नहीं रहे : वो एयर वाइस मार्शल जिसने 23 साल तक दिया दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब
जोधपुर। राजस्थान के धरा के जाबांज भारतीय वायु सैनिकों में से एक चंदन सिंह राठौड़ अब इस दुनिया में नहीं रहे। एयर वाइस मार्शल रहे महावीर चक्र विजेता चंदन सिंह राठौड़ का 95 साल उम्र में रविवार को निधन हो गया।
सैनिक सम्मान से अंतिम संस्कार
राठौड़ ने 29 मार्च 2020 की सुबह राजस्थान के जोधपुर के रातानाडा में पंचवटी कॉलोनी स्थित अपने घर पर अंतिम सांस ली। उनके परिवार में पत्नी, बेटा व एक बेटी है। शाम को बीजेएस श्मशान घाट में सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। वायुसेना की टुकड़ी ने एयर मार्शल सिंह को अंतिम सलामी दी। कोरोना वायरस संक्रमण की आशंका के चलते शवयात्रा में सिंह के चुनिंदा परिजन व वायुसेना के कुछ अधिकारी ही शामिल हुए।
इन युद्धों में लिया हिस्सा
एयर मार्शल सिंह उन योद्धाओं में शामिल थे, जिन्होंने दूसरे विश्व युद्ध से लेकर देश की आजादी के बाद 1948 के कबायली आक्रमण, 1962 में चीन तथा 1965 व 1971 की भारत-पाक लड़ाइयों में बहादुरी के साथ हिस्सा लिया। यानि 23 साल तक देश के दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देते रहे।
जब पलट दी थी शादी
असम के जोरहट एयरफोर्स स्टेशन के एओसी रहते हुए ग्रुप केप्टन चंदन सिंह ने 1971 के भारतीय-पाकिस्तान युद्ध में मुश्किल माने जाने वाली ढाका पोस्ट पर रात को अपने हेलीकॉप्टर्स से 3 हजार से अधिक सैनिकों और 40 टन से अधिक हथियार व अन्य उपकरण पहुंचाकर पाकिस्तान की जीती हुई बाजी को पलट दिया था।
मिग-21 उड़ाकर हुए रिटायर
चंदनसिंह के पुत्र सज्जन सिंह के अनुसार फाइटर पायलट के रूप में वायुसेना में भर्ती चंदनसिंह मिग-21 की पहली स्क्वाड्रन में शामिल थे। वे 1980 में रिटायर हुए। उन्होंने वायुसेना के लड़ाकू विमान ही नहीं, मालवाहक व हेलिकॉप्टर्स भी उड़ाए। चंदन सिंह को अति विशिष्ट सेवा मेडल, 1965 की जंग में उल्लेखनीय योगदान के लिए वीर चक्र और 1971 में बांग्लादेश बनाने में अहम भूमिका निभाने पर महावीर चक्र प्रदान किया गया।
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प्रधानमंत्री मोदी ने भी जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व जोधपुर सांसद और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और भारतीय वायुसेना ने ट्वीट कर एयर वाइस मार्शल चंदन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट में कहा कि भारत को सुरक्षित और मजबूत बनाने के लिए अपना सर्वोच्च न्योछावर करने वाले एक वायु योद्धा को देश ने खो दिया है। राजनाथ सिंह ने इसे अपूरणीय क्षति बताया। भारतीय वायुसेना ने 1962 और 1971 में उनके द्वारा किए गए अविस्मरणीय योगदान को याद किया।
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Pained by the demise of Maha Vir Chakra( MVC) Recipient, Air Vice Marshal (Retd.) Chandan Singh Rathore. His contribution as Air Warrior in 1962 and 1971 war will never be forgotten.
I salute his outstanding service and express my heartfelt condolences to the bereaved family.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) March 29, 2020