30 की उम्र में प्रेमी के साथ भागी थी महिला और अब 55 की उम्र में लौटी पति के पास, 6 बच्चों को छोड़ गई थी
गढ़वा। झारखंड के गढ़वा जिले के केतार थाना क्षेत्र के जोगियाबीर गांव में हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। जहां एक महिला 30 साल की उम्र में पति और अपने 6 बच्चों को छोड़कर प्रेमी के साथ भाग गई थी लेकिन अब 25 साल बाद 55 साल की उम्र अपने पति और बच्चों के पास वापस लौटी है। हालांकि राहत की बात यह है कि महिला को उसके पति और बच्चों ने स्वीकार कर लिया है।
25 साल बाद लौटी घर तो रोने लगी
महिला 25 साल बाद गांव में लौटी है। वह महिला अपने प्रेमी संग फरार हो गई थी। जब उसके प्रेमी की मौत हो गई तो वह अपने घर लौट आई। जब वह घर लौटी तो पहले पति और बच्चों ने अपनाने से इनकार कर दिया। लेकिन गांव के लोगों के हस्तक्षेप के बाद परिजनों ने उसे अपना लिया। फिर जब वह घर गई तो बेटा, बहू व पोतों और परपोतों को देखकर भावुक हो गई। इसके बाद उन्हें गले लगाकर फूट-फूटकर रोने लगी।
परिजनों ने अपनाया
गांव के लोगों के समझाने के बाद परिजन उसे साथ रखने पर सहमत हो गए। उसके बेटे और बहुओं ने कहा कि अब उनकी मां उनके साथ ही रहेगी। इसके बाद पति नरेश साह ने भी सहमति जताई। परिवार में सहमति बनने के बाद जब वह घर के अंदर गई, तो नजारा कुछ अलग था।
6 बच्चों और पति को छोड़कर गई थी प्रेमी के साथ
बताया जा रहा है कि महिला 25 साल पहले करीब 30 साल की थी। तब उसके 6 बेटे थेय़ इस दौरान वह छाना क्षेत्र के छाताकुंड निवासी विश्वनाथ साह से प्रेम करने लगी। दोनों के बीच प्यार परवान चढ़ा तो वह अपने पति और बेटों को छोड़कर प्रेमी संग फरार हो गई। उसके बाद से वह छत्तीसगढ़ के सीतापुर जाकर अपने प्रेमी के साथ रहने लगी।
15 दिन पहले प्रेमी की हुई थी मौत
15 दिन पहले ही उसके प्रेमी विश्वनाथ की मौत हो गई। उसके बाद विश्वनाथ के परिजनों ने भी अपनाने से इनकार कर दिया। वह अकेली पड़ गई। हां से उसने अपने घर लौटने का निर्णय लिया। यहां वह रविवार रात करीब नौ बजे पहुंची। जब गांव में पहुंची तो उसे देखकर परिवार के लोग अचंभित रह गए। उसके साथ बेरूखी दिखाते हुए उसे घर से बाहर निकाल दिया। पर वह वहीं रहने पर अड़ी थी।
गांव वालों ने किया हस्तक्षेप
रातभर घर से बाहर दरवाजे पर पड़ी रही। सुबह हुआ तो एक बार फिर गांव के लोग मामले को सलटाने में लग गए। उसी दौरान यशोदा ने गांव के लोगों को बताया कि वह भले ही प्रेमी के साथ रह रही थी, पर अपने बेटों से लगातार संपर्क में थी। बेटों को जरूरत पड़ने पर आर्थिक मदद भी करती थी। उसके बाद गांव के लोगों के सामने बेटों ने भी मां से मिल रही मदद को स्वीकार किया। बच्चों को छोड़कर गई महिला का घर भरापूरा था। अपने पास सात पोता, नौ पोती और तीन परपोतों को देखकर वह भावुक हो गई।
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