रांची सिविल कोर्ट ने 17 विदेशी तबलीगी जमातियों को दी राहत, अब लौट सकते हैं अपने वतन
रांची। झारखंड की राजधानी रांची में सिविल कोर्ट ने तबलीगी जमात से जुड़े 17 विदेशी नागरिकों को राहत देते हुए इनके वतन लौटने का रास्ता साफ कर दिया है। ये सभी 17 लोग लॉकडाउन उल्लंघन और वीजा नियमों का उल्लंघन कर धर्म प्रचार में जुटे हुए थे। रांची के हिन्दीपीढ़ी थाना में दर्ज तबलीगी जमात के मामले में सोमवार को रांची सीजेएम की अदालत में आखिरी सुनवाई हुई।
इस दौरान अदालत ने सभी 17 विदेशी नागरिकों के साथ एक स्थानीय मौलवी को 2200-2200 रुपये का जुर्माना किया, जबकि रांची के हाजी मेराज को 6200 रुपये का जुर्माना अदा करने का आदेश देते हुए केस का खत्म कर दिया।
तबलीगी जमात की तरफ से शुरू से ही पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता ए आलम ने बताया कि कोर्ट ने 22-22 सो रुपये के निजी मुचलके पर रिहा करने का आदेश देते कहा कि यदि उनके खिलाफ कोई दूसरा मामला देश में दर्ज नहीं है तो वे वापस अपने वतन लौट सकते हैं।
बता दें कि इससे पहले 15 जुलाई को झारखंड उच्च न्यायलय से बेल मिलने के बाद तबलीगी जमात से जुड़े सभी 17 विदेशी नागरिक रांची के होटवार जेल से बाहर निकले थे। इससे पूर्व सिविल कोर्ट में सबी 17 जमातियों की तरफ से दस-दस हजार रुपये का दो बेल बाउंड भरा गया था।
बता दें कि तबलीगी जमात से जुड़े 17 विदेशी नागरिकों को रांची के हिन्दपीढ़ी इलाके की बड़ी मस्जिद और मदीना मस्जिद से गिरफ्तार किया गया था। छानबीन के बाद 9 अप्रैल को भादवि की धारा 188, 269, 270, 271, द फॉरेनर्स एक्ट 1946 की धारा13 14 ( बी ) ( सी ) और द नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट की धारा 51 के तहत इनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
इन्हीं 17 विदेशियों में से एक 22वर्षीय मलेशियाई महिला कोरोना संक्रमित पायी गयी थी, जो झारखंड में कोरोना पॉजिटिव का पहला मामला था। विदेशी नागरिकों पर यह आरोप था कि वे टूरिस्ट वीजा पर भारत आये और यहां आकर धर्म प्रचार करने में जुट गये।