नागपुर से 400 किमी चलने के बाद झारखंड के श्रमिक की तबियत बिगड़ी, अस्पताल में मौत
रांची। देशभर में लॉकडाउन के बाद भुखमरी के कगार पर पहुंचे श्रमिकों की मुश्किलें बढ़ी तो वे पैदल ही अपने घर की ओर चल पड़े। सैकड़ों किलीमोटर चलने की हिम्मत जुटाकर निकले कुछ मजदूर घर की चौखट तक नहीं पहुंच पाए और रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया। महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब समेत अन्य जगहों से पैदल चले बिहार और यूपी के मजदूरों की रास्ते में मौत की खबरें सुर्खियों में रही। ऐसी ही दर्दनाक खबर अब झारखंड से मिल रही है। झारखंड का यह मजदूर महाराष्ट्र के नागपुर से घर जाने के लिए निकला लेकिन पैदल चलते-चलते छत्तीसगढ़ में उसकी मौत हो गई। बिलासपुर में इस मजदूर की तबियत बिगड़ गई जिसके बाद छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान में इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
झारखंड के आठ मजदूरों की एक टोली महाराष्ट्र के नागपुर से सैकड़ों किलोमीटर दूर घर जाने के लिए चली। चार सौ किलोमीटर की दूर तय करने के बाद सभी 3 मई को छत्तीसगढ़ के बिलासपुर पहुंचे जहां झारखंड के सरायकेला निवासी रवि बीमार हो गया। रवि को उसके साथी छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान ले गए। रवि को अलग वार्ड में रखा गया क्योंकि उसमें कोरोना के लक्षण पाए गए। पूरी टोली के सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिया गया। सोमवार कि सुबह में इलाज के दौरान रवि ने दम तोड़ दिया।
रवि की टोली में उसका भाई भी था। उसने घर बात की और रवि का अंतिम संस्कार बिलासपुर में करने का फैसला किया। एक संस्था ने इसमें मदद की। 6 मई को रवि का अंतिम संस्कार किया गया। सैपल जांच रिपोर्ट में सभी कोरोना निगेटिव हैं। डॉक्टरों के मुताबिक दिल का दौरा पड़ने से रवि की मौत हुई थी। इस बारे में बिलासपुर के पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल का कहना है कि इसका पता लगाया जा रहा है कि आखिरकार इतने मजदूर नागपुर से बिलासपुर कैसे पहुंचे?
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