झारखंडः पांच लड़कियों से रेप और मूत्र पिलाने के केस में पादरी समेत 6 आरोपी बरी
खूंटी। झारखंड के खूटी जिले में साल 2018 में पांच युवतियों के साथ दुष्कर्म से जुड़े अन्य मामलों में एक पादरी सहित सभी 6 आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया है। प्राथमिकी दर्ज कराने वाले एक गैरसरकारी संगठन के संचालक सहित किसी गवाह के अदालत में पेश नहीं हो पाए थे, जिस कारण सभी आरोपी बरी हो गए। इस मामले में केवल एनजीओ का वाहन चालक ही गवाह के तौर पर पेश हुआ।
गवाह न होने के कारण मिली जमानत
बुधवार को खूंटी के न्यायाधीश राजेश कुमार की अदालत ने गवाहों के कोर्ट में पेश न होने के चलते सबूत की कमी में आरोपी पादरी अल्फोंस सहित सभी 6 आरोपियों को बरी कर दिया। दर्ज कराई गई प्राथमिकी के मुताबिक इसी चर्च से पांच आदिवासी युवतियों का अपहरण कर उनके साथ दुष्कर्म और अप्राकृतिक कर्म किया गया था।
दो प्राथमिकी दर्ज कराई गईं थीं
सबसे बड़ी बात यह है कि इस पूरे मामले में पीड़िताओं द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी में पादरी सहित 6 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है और वह सभी बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं। सामूहिक दुष्कर्म के इस मामले में दो प्राथमिकियां दर्ज की गई थीं। पहली प्राथमिकी दुष्कर्म पीड़ितों की तरफ से और दूसरी एनजीओ संचालक संजय शर्मा की तरफ से दर्ज कराई गई थी।
जंगल में जाकर किया था गैंगरेप
दुष्कर्म पीड़ित युवतियों की ओर से दर्ज कराये गए पहले मामले में निचली अदालत ने 17 मई साल 2019 को फादर अल्फोंस समते सभी 6 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है लेकिन दूसरे मामले में गवाहों की पेशी न होने के चलते अदलात ने सभी आरोपियों को बुधवार की शाम बरी कर दिया।
जबरदस्ती पिलाया था पेशाब
साल 2018 में खूंटी के पत्थलगढ़ी के दौरान नुक्कड़ नाटक से लोगों को सामाजिक मुद्दों पर जागरूक करने पहुंची पांच आदिवासी युवतियों के साथ दुष्कर्म हुआ था। इस दौरान उनके साथ मारपीट करने और पेशाब पिलाने का भी आरोप था।