हजारीबागः समय रहते हुए पुलिस ने मॉब लिंचिंग के बीच से बचाई युवक की जान
हजारीबाग। हाल ही में महाराष्ट्र स्थिल पालघर इलाके में तीन लोगों की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी, जिसके चलते देश भर में मॉब लिंचिंग को लेकर लोगों में आक्रोश है। इसी कड़ी में झारखंड के हजारीबाग जिले में भी एक मॉब लिंचिंग को पुलिस ने समय रहते रोक लिया। यह पूरा मामला हजारीबाग जिले के गिद्दी इलाके का है। बीते 18 अप्रैल की रात को राजू मिस्त्री उर्फ राजू अंसारी गिद्दी स्थित अपने ससुराल से रामगढ़ के पतारतू स्थित अपने गांव लौट रहा था।
रास्ते में रोककर लोगों ने पूछा उसका पता फिर पीटा
इस दौरान रास्ते में ग्रामीणों ने उससे उसका पता पूछा फिर चोर होने के आरोप लगाकर पूरा गांव उसपर टूट पड़ा और उसकी बेरहमी से पिटाई कर दी। इस दौरान सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और पीड़ित राजू को जान से बचाई। प्राप्त जानकारी के मुताबिक राजू हजारीबाग के गिद्दी के टेढ़ाताड़ बस्ती स्थित ससुराल से रामगढ़ के पतरातू के जयनगर स्थित घर लौट रहा था।
पुलिस ने चार को किया गिरफ्तार
पुलिस ने उसे भीड़ से बचाकर घर भेज दिया। पुलिस ने इस मामले में न तो केस दर्ज किया, न ही उसे अस्पताल पहुंचाया। घरवाले राजू को अस्पताल ले गये। घटना के कुछ देर बाद सीएम हेमंत सोरेन को ट्विटर पर घटना की जानकारी मिली। उन्होंने तुरंत हजारीबाग पुलिस को इस मामले में जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। इसके बाद आनन-फानन में रात में ही पुलिस ने कार्रवाई करते हुए चार आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया और पीड़ित को रांची के रिम्स में भर्ती कराया।
साल 2019 में भी हुई थी मॉब लिंचिंग
इस पूरे मामले में गिद्दी थाने में 13 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। बता दें कि साल 2019 में सरायकेला में इसी तरह का मामला सामने आया था। 17 जून को तबरेज अंसारी जमशेदपुर स्थित अपने फुआ के घर से सरायकेला स्थित अपने गांव कदमडीहा लौट रहा था। इसी दौरान रास्ते में धातकीडीह गांव में ग्रामीणों ने मोटरसाइकिल चोरी के आरोप में उसे पकड़ लिया और बांधकर रात भर पीटा था। चार दिन बाद सदर अस्पताल में उसकी मौत हो गई।