झारखंडः रिश्तेदारों को भेजा अपने अपहरण का वीडियो, पुलिस ढूंढने निकली तो जंगल में पेड़ के नीचे लेटा हुआ मिला
चतरा। झारखंड के चतरा जिले में पुलिस ने दो दिन के भीतर एक अपहरण का मामला सुलझा लिया है और इसका खुलासा करते हुए कथित तौर पर अगवा हुए युवक को भी सही-सलामत बरामद कर लिया है। एसपी ऋषभ जा ने बताया कि युवक ने गुजरात में अपनी एजेंसी के मजदूरों की मजदूरी का भुगतान करने के लिए युवक पिंटू ने अपहरण की झूठी कहानी बनाई। इसके लिए उसने खुद पैर-हाथ बांधकर एक वीडियो बनाया और रिश्तेदारों को भेज दिया। खुद की किडनैपिंग की बात कह रिहाई के लिए उसने 15 लाख रुपये मांगे।
एसपी ने बताया कि बीते 1 जून को उन्हें सूचना मिली थी कि गुजरात में कॉन्ट्रैक्टर का काम करने वाले कोलेश्वर दांगी के बेटे पिंटू दांगी को किडनैप कर लिया गया है। अपहरणकर्ताओं ने कोलेश्वर के रिश्तेदारों को पिंटू की फोटो भेजकर 15 लाख रुपये की डिमांड की है। इसके बाद एएसपी निगम प्रसाद व एसडीपीओ वरुण रजक के नेतृत्व में सदर थाना पुलिस और सर्विलांस टीम पिंटू की लोकेशन को ट्रेस करने में जुट गई।
पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के जरिये पिंटू को चतरा-इटखोरी मुख्य सड़क से सटे बारिसाखी आमीन जंगल से बरामद कर लिया। एसपी के मुताबिक जंगल में पिंटू पेड़ के नीचे लेटा हुआ था, उसके पास से वह मोबाइल मिला, जिससे उसने अपहरण का झूठा वीडियो बनाया था। जब पुलिस ने पिंटू से पूछताछ की तो उसने अपहरण की झूठी कहानी सुना दी।
पिंटू ने बताया कि बिहार नंबर की एक बोलेरो गाड़ी से उसका अपहरण कर लिया गया था। इस दौरान उसे कुछ सूंघा कर बेहोश कर दिया था। लेकिन पुलिस ने जब सीसीटीवी फुटेज खंगाली तो पता चला कि उस इलाके में बिहार नंबर की कोई बोलेरो गाड़ी आई ही नहीं थी। एसपी ने बताया कि पिंटू का गुजरात में काम चल रहा था। लेकिन लॉकडाउन के कारण वह अपने घर में फंस जाने के कारण मजदूरों को पैसे का भुगतान नहीं कर पा रहा था।
मजदूर काम बंद कर हड़ताल पर चले गए थे। पिंटू ने मजदूरों को पैसे देने के लिए अपहरण का नाटक किया। उसे यह पता था कि उसके परिवार के पास पैसे नहीं हैं। इसलिए उसने अपने रिश्तेदारों को झूठा वीडियो भेजा था और पैसे ऐंठने की कोशिश की। पुलिस ने 420 का केस दर्ज करते हुए पिंटू को जेल भेज दिया है।
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